राजकीय महाविद्यालय पाबौ, पौड़ी गढ़वाल की करियर काउंसलिंग समिति द्वारा एकदिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण द्वारा प्रदान किए गए “प्राकृतिक संसाधनों का आजीविका के रूप में उपयुक्त प्रयोग कैसे किया जाए” था। उत्तराखंड का लोकप्रिय पर्व हरेला वर्तमान समय में उत्तराखंड में बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य पर्यावरण और प्रकृति के प्रति सभी को सजग करना और कर्तव्यनिष्ठ बनाना है।

प्रकृति न केवल प्राकृतिक संसाधनों को मनुष्य को प्रदान करती है अपितु उन्हें प्रयोग कर मनुष्य किस प्रकार से अपनी आजीविका को प्राप्त कर सकता है? इस पर महाविद्यालय में प्राध्यापकों और छात्र-छात्राओं द्वारा चर्चा-परिचर्चा की गई।

छात्रों ने फूल, बीज, कलम तथा विभिन्न प्रजाति के पौधों एवं फूलों की पौध तैयार कर उसे विक्रय कर आर्थिक लाभ कमाने से संबंधित अपने विचारों एवं योजनाओं को सबके सामने रखा।

कैरियर समिति की संयोजिका सुनीता चौहान ने भी विभिन्न आयुर्वेदिक पौधों के महत्व को बताते हुए उनके आर्थिक लाभों पर भी प्रकाश डाला और छात्र-छात्राओं को पर्वतीय क्षेत्र में पाए जाने वाले इन आयुर्वेदिक पौधों की नर्सरी तैयार कर आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया।

महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर सत्य प्रकाश शर्मा द्वारा भी फूलों के उत्पादन से आजीविका के रास्ते खोलने और मधुमक्खी पालन द्वारा उच्च आर्थिक लाभ प्राप्त करने संबंधी जानकारी छात्र-छात्राओं के साथ साझा की गई।

उन्होंने प्रकृति में पाए जाने वाले विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर प्रयोग और उन्हें आजीविका के रूप में अपनाये जाने पर बल दिया। छात्रों ने भी सकारात्मक रूप अपनाते हुए हरेला पर्व पर यह संकल्प लिया कि वह प्रकृति का संरक्षण करते हुए अपने आर्थिक विकास को प्राप्त करने का प्रयास करेंगे।

कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकों, कर्मचारी गणों एवं बड़ी संख्या में छात्र एवं छात्राओं द्वारा उत्साह पूर्वक प्रतिभाग किया गया।