नवल टाइम्स न्यूज़, दिनांक 17 जून 2025 :आज  राजकीय व्यावसायिक महाविद्यालय बनास पैठाणी की नमामि गंगे इकाई द्वारा प्राचार्य प्रो. (डॉ.) विजय कुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन में स्थानीय मंदिर मजरा महादेव में योग शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें योगाभ्यास, पौराणिक वेद-पुराणों,नदियों की सभ्यता एवं संस्कृति पर चर्चा हुई I

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि स्थानीय जनप्रतिनिधि श्री विजय सिंह रौथाण जी ने किया। नमामि गंगे के नोडल डॉ. खिलाप सिंह ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम में आज योग के साथ-साथ पौराणिक वेद-पुराणो, नदियों की सभ्यता एवं संस्कृति पर चर्चा की जाएगी, तथा सभी को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहां की गंगा और योग दोनों आत्मा की शुद्धता, शांति और मुक्ति के प्रतीक हैं।

गंगा योग का भौगोलिक और आध्यात्मिक आधार रही है, और योग गंगा जैसी शुद्धता की ओर यात्रा का साधन है l गंगा नदी को वेदों में एक पवित्र नदी एवं दिव्य शक्ति के रूप में वर्णित किया गया है I नदियाँ मानव सभ्यता की जननी रही है I प्राचीन काल से ही नदियों के किनारे सभ्यताओं का विकास हुआ है I सिंधु घाटी सभ्यता भारत की पहली प्रमुख शहरी सभ्यता थी, जो सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के किनारे विकसित हुई इस सभ्यता के प्रमुख नगरों में हड़प्पा, मोहनजोदड़ो शामिल है, जहाँ उन्नत नगर नियोजन, जल निकासी प्रणाली और व्यापारिक गतिविधियां पाई गईं।

भारत में गंगा, जमुना, सरस्वती, नर्मदा, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी जैसी नदिया न केवल जल स्रोत है बल्कि सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक जीवन की आधारशिला भी हैं।

आचार्य राम प्यारे शास्त्री जी ने पौराणिक वेद-पुराणों से सभी को मंत्र मुग्ध करते हुए कहा कि यदि वेद ज्ञान के उच्च शिखर है तो पुराण उस ज्ञान का सुगम सेतु हैं।

प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के प्रतिनिधि योग प्रशिक्षक श्री प्रताप सिंह रावत जी ने योग, प्राणायाम एवं ध्यान के विभिन्न आसनों का अभ्यास कराया।

महाविद्यालय के प्राध्यापक एवं मीडिया प्रभारी डॉ. प्रकाश चंद्र फोंदणी ने कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए कहा कि हमे नदियों की सभ्यता एवं संस्कृति पर गहन चिंतन करना चाहिए क्योंकि नदियां केवल भौगोलिक संरचना नहीं बल्कि जैव विविधता से परिपूर्ण जीवनदायनी, संस्कृति वाहिनी और आध्यात्मिक धरोहर हैं।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विजय सिंह रौथाण जी ने कहा कि योग का उद्देश्य संपूर्ण जीवन में संतुलन और सामंजस्य स्थापित करना है यह केवल व्यायाम नहीं बल्कि एक जीवनशैली है।

कार्यक्रम में कुंवर सिंह पवार अध्यक्ष मंदिर समिति, गिरीश चंद्र पोखरियाल, राम सिंह नेगी, शोभाराम मुंडेपी प्रधान मैठाणा, भरत सिंह पवार, दिनेश सिंह पवार पूर्व प्रधान सुनार गाँव, मंदिर समिति, व्यापार मंडल के सदस्यों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं क्षेत्र की जनता ने प्रतिभाग किया।

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