शहीद श्री खेमचन्द्र डौर्बी राजकीय महाविद्यालय बेतालघाट नैनीताल में आज संस्कृत दिवस आयोजन के अवसर पर भाषण, संस्कृत गीत, श्लोकोच्चारण, पोस्टर आदि विविध प्रतियोगिताएं आयोजित की गई।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पूर्व बैंक अधिकारी श्री उत्तम कुमार मिश्रा ने कहा कि संस्कृत भारत के संस्कारों की जन्मदात्री है। जब हम संस्कृत के वांगमय पर चर्चा करते हैं। तब हमें सम्पूर्ण विश्व एक परिवार के रूप में नज़र आता है। जिसके मूल में सर्वे भवन्तु सुखिनः के पवित्र भाव उपस्थित हैं। संस्कृत जिसके एक एक शब्द के हमें कई कई पर्यायवाची प्राप्त होते हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. विनय कुमार विद्यालंकार ने संस्कृत की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्कृत की ध्वनियों में इतना ओज है। इतना प्रकाश है कि दुनियां की कई भाषाओं ने संस्कृत से जीवनदान प्राप्त किया है।

आगे उन्होंने कहा महर्षी पाणिनि के अष्टाध्यायी के प्रत्येक सूत्र वैज्ञानिकता के सिद्धांत पर खरे उतरते है। संस्कृत जितनी शुद्ध और परिष्कृत है। ऐसा हमें अन्य भाषाओं में देखने को कम मिलता है। हमारे वेद, उपनिषद, दर्शन हमें इस ओर इशारा करते हैं कि संस्कृत पूर्व में निश्चित ही जन भाषा रही है।

राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती ममता पांडे ने कहा अमरकोश के अनुसार संस्कृत का शब्द भंडार अत्यन्त विशाल है।

भाषण में बीए पंचम सेमेस्टर की छात्रा कु.नीलम जोशी एवं प्रथम सेमेस्टर की छात्रा कु. बबीता करगेती ने प्रतिभाग किया। संस्कृत समूह गीत में बबीता, कोमल जलाल, छाया पंत ने प्रतिभाग किया। श्लोकोच्चारण में मनीषा हाल्सी और प्रियंका एवं पोस्टर प्रतियोगिता में कु आरती, ज्योति, कविता आदि ने प्रतिभाग किया।

यहां अन्य वक्ताओं में डॉ.जयति दीक्षित, डॉ. ईप्सिता सिंह, डॉ. दीपक, डॉ. तरुण कुमार आर्य, आदि ने संस्कृत वांग्मय पर अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए कार्यक्रम संयोजक डॉ. भुवन मठपाल ने कहा संस्कृत प्राचीन भाषा ही नहीं, अपितु भारत में बोले जाने वाली कई प्रादेशिक भाषाओं और बोलियों की आधारशिला भी है। इसी से इसकी व्यापकता, वैज्ञानिकता और सार्वभौमिकता का पता चलता है।

इस अवसर पर कार्यालय अधीक्षक श्री दिनेश जोशी, श्री भास्कर पंत, डॉ. फरजाना अज़ीम, सुश्री सपना, अनिल नाथ, मुकेश रावत, प्रेमा देवी, ललित मोहन, किरन, कविता, रश्मि, दीक्षा, पूजा, कविता, हिमानी, अर्जुन आदि कई छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।