‌‌राजकीय महाविद्यालय, मजरा महादेव, पौड़ी (गढ़वाल) में आज ‘राज्य स्वच्छ गंगा मिशन’ ‘जल शक्ति मंत्रालय’ भारत सरकार के तत्त्वाधान में नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत “हरेला पखवाड़ा” (16 -23 जुलाई 2024) में “वृक्षारोपण” कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. के. सी. दुद्पुड़ी ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि ‘हरेला’ पर्व मूल रूप से उत्तराखण्ड राज्य में मनाया जाता है । हरेला पर्व वैसे तो वर्ष में तीन बार आता है-

1- चैत्र माह में – प्रथम दिन बोया जाता है तथा नवमी को काटा जाता है।

2- श्रावण माह में – सावन लगने से नौ दिन पहले आषाढ़ में बोया जाता है और दस दिन बाद श्रावण के प्रथम दिन काटा जाता है।

3- आश्विन माह में – आश्विन माह में नवरात्र के पहले दिन बोया जाता है और दशहरा के दिन काटा जाता है।

चैत्र व आश्विन माह में बोया जाने वाला हरेला मौसम के बदलाव के सूचक है।

चैत्र माह में बोया/काटा जाने वाला हरेला गर्मी के आने की सूचना देता है,

तो आश्विन माह की नवरात्रि में बोया जाने वाला हरेला सर्दी के आने की सूचना देता है।

लेकिन श्रावण माह में मनाये जाने वाला हरेला सामाजिक रूप से अपना विशेष महत्त्व रखता है।

महाविद्यालय के प्रत्येक प्राध्यापक व कर्मचारियों ने एक वृक्ष लगाया और उसको सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी भी ली।

महाविद्यालय के प्राध्यापकों में ,इंद्रपाल सिंह रावत, डॉ दीपक कुमार, डॉ. चन्द्र बल्लभ नैनवाल डॉ. प्रियंका भट्ट, डॉ राकेश बिष्ट के साथ-साथ शिक्षणेतर कर्मचारी उदयराम पंत, विक्रम सिंह रावत, वीरेंद्र सिंह, मनोज रावत ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।