उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती (25वीं वर्षगांठ) के उपलक्ष्य में राजकीय महाविद्यालय, हल्द्वानी (सिटी गोलापार) में 9 नवम्बर2025 को तीन दिवसीय भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं विविध प्रतियोगिताओं की शृंखला का समापन और स्थापना दिवस का आयोजन किया गया।
यह आयोजन राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा, लोककला और साहित्यिक चेतना को समर्पित रहा।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. संजय कुमार के करकमलों द्वारा दीप प्रज्वलन एवं मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष पुष्प अर्पित कर किया गया।
उद्घाटन सत्र में छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया, जिसने पूरे वातावरण को सुरमय बना दिया।
मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट वक्ताओं के विचार
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में समाजसेवक श्री नित्यानंद पांडे जी उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि राज्य की स्थापना केवल भौगोलिक सीमा का विस्तार नहीं, बल्कि जनसंघर्षों की पहचान और उत्तराखंडवासियों की सामूहिक आकांक्षाओं का परिणाम है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे राज्य के विकास में सक्रिय भागीदारी निभाएँ।
मुख्य वक्ता डॉ. डी. सी. पांडे, डॉ. प्रकाश मठपाल एवं डॉ. भारती ने उत्तराखंड के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास पर अपने विचार साझा किए।
डॉ. डी सी पांडे ने राज्य निर्माण में शिक्षा की भूमिका पर बल दिया, वहीं डॉ. प्रकाश मठपाल ने कहा कि “राज्य की वास्तविक पहचान उसकी संस्कृति और लोककला में निहित है।”
डॉ. भारती ने उत्तराखंड की महिलाओँ की भागीदारी और समाज में उनके योगदान को रेखांकित किया
कार्यक्रम का संचालन डॉ. आशीष अंशु द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम संयोजक डॉ. कंचन डॉ. किरण और डॉ भारती ने तीनों दिनों के कार्यक्रमों का सफल समन्वय किया।
आयोजन के अंतर्गत ऐपन प्रतियोगिता ,पोस्टर निर्माण, निबंध लेखन, एकल नृत्य, प्रतियोगिता का आयोजन किया गया
छात्राओं ने राज्य की लोकसंस्कृति पर आधारित नृत्य प्रस्तुतियाँ दीं, जिनमें झोड़ा,जैसे लोकनृत्य मुख्य आकर्षण रहे।ऐपन प्रतियोगिता में पारंपरिक लोककला की सुंदर झलक देखने को मिली।
निबंध प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने “उत्तराखंड राज्य के २५ वर्ष:उपलब्धियाँ और चुनौतियाँ विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
पुरस्कार वितरण सत्र में विजेताओं को प्राचार्य प्रो. संजय कुमार एवं अन्य अतिथियों द्वारा प्रमाणपत्र एवं पुरस्कार प्रदान किए गए।
प्राचार्य प्रो. संजय कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि “राज्य स्थापना दिवस हमें अपनी जड़ों से जोड़ने और उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का अवसर प्रदान करता है कार्यक्रम में समस्त प्राध्यापक एवं महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा ।


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