भारत वर्ष पर्व त्यौहारों का देश है दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव में भाई दूज एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को समर्पित है। यह त्योहार दिवाली के दो दिन बाद मनाया जाता है, आमतौर पर कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की यम द्वितीया तिथि को।
महत्व भाई दूज का :
भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के सच्चे प्रेम,आत्मीय स्नेह और समर्पण को दर्शाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं और उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी रक्षा का वचन देते हैं।
संक्षिप्त कथा:
भाई दूज की कथा भगवान यमराज और उनकी बहन यमुना जी से जुड़ी है। कहा जाता है कि जब भगवान यमराज अपनी बहन यमुना जी के पास गए, तो उन्होंने उनका स्वागत किया और उन्हें तिलक लगाया। भगवान यमराज ने अपनी बहन को उपहार दिया और उनकी रक्षा का वचन दिया।
इस त्योहार का महत्व यह है कि यह भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाता है और उनके बीच के प्रेम और स्नेह को बढ़ाता है। यह त्योहार हमें अपने परिवार के सदस्यों के प्रति अपने कर्तव्यों को याद दिलाता है और हमें उनके साथ अपने रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए प्रेरित करता है।
कायस्थ समाज चित्रगुप्त पूजा
दीपावली के पांचवे दिन यम द्वितीया होती है इस दिन भारतीय समाज में कला, संस्कृति, साहित्य प्रेमी व उच्च शिक्षित समाज भगवान चित्रगुप्त जी की पूजन करता है व परिवार समाज राष्ट्र की उन्नति की प्रार्थना करता है।
:संसार की बनावट ही ऐसी है कि यहाँ सुख के साथ दुःख भीआते हैं। विपरीत परिस्थितियों का आना स्वाभाविक है। जो अच्छी परिस्थितियों का चिन्तन करते हैं वे बुद्धिमान कहे जाते हैं। उनके सामने कठिनाइयाँ आती है तो चुटकी बजाते हल हो जाती हैं।
पर जो भविष्य के भय से काँपते रहते हैं वह सदा दुखी रहते हैं, परेशान रहते हैं।इसलिये भविष्य में न जीकर वर्तमान का पूरा आनंद लें।सुख और दुख दोनों को सम भाव से देखें।शुभ सोचें और किसी भी प्रकार की जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें ।
अपना देश अपनी कला संस्कृति पर्व, त्यौहार, अपना परिवार और अपने शुभ चिंतक माता पिता गुरु स्नेहिल मित्र परिजनों पर गर्व करें उनका आदर करें..
प्रिया सिंह (MSC),संस्कार मित्र संस्कार भारती
कोटा राजस्थान

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