राजकीय महाविद्यालय नैनबाग में आज दिनांक 03 अक्टूबर 2024 को मोटे अनाजों अर्थात मिलेट्स (श्री अन्न) जैसे झंगोरा, मडुवा, कोदो, कौड़ी आदि पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला का विषय था किसानों की आय बढ़ाने व सतत आजीविका हेतु मिलेट्स ।

यह कार्यशाला महाविद्यालय के प्रसार गतिविधियों हेतु मुख्यमंत्री शोध प्रोत्साहन परियोजना के अंतर्गत जौनपुर ब्लाक के किसानों के लिए आयोजित की गयी।

कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि बीज बचाव प्रणेता एवं लेखक श्री विजय जड़धारी, विशिष्ट अतिथि उद्यान पंडित श्री कुंदन सिंह पंवार एवं महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर सुमिता श्रीवास्तव द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।

प्राचार्य, प्रोफेसर सुमिता श्रीवास्तव ने अतिथियों को पौधा भेंट कर उनका स्वागत किया। तत्पश्चात अतिथियों द्वारा श्री परमानंद चौहान विभागाध्यक्ष, अर्थशास्त्र विभाग एवं डॉ0 मधु बाला जुवाॅठा, विभागाध्यक्ष, राजनीति विज्ञान, विभाग द्वारा लिखित पुस्तक पर्यावरणीय अर्थशास्त्र का विमोचन किया गया।

कार्यक्रम के संयोजक डॉ0 मधु बाला जुवाँठा ने उपस्थित सभा के समक्ष कार्यक्रम के बारे में संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया। तत्पश्चात कार्यक्रम के आयोजक सचिव श्री परमानंद चौहान ने कार्यक्रम के रूपरेखा के बारे में जानकारी दी एवं कार्यक्रम का संचालन किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री विजय जरदारी जी ने किसानों को संबोधित करते हुए बताया कि मिलेट्स या मोटे अनाज सेहत के लिए स्वास्थ्यवर्धक होते हैं तथा बीमारियों से दूर रखते हैं ।

उन्होंने बताया कि रासायनिक खाद एवं दवा का प्रयोग फसल के लिए हानिकारक होता है। और हमें प्राकृतिक खेती की तरफ बढ़ना चाहिए। उन्होंने परंपरागत खेती पर जोर देने की बात कही। विशेषज्ञ वक्ताओं के रुप में औद्योगिकी व वानिकी विश्वविद्यालय भरसार के रानीचौरी परिसर के वैज्ञानिकों ने अपने अनुभव प्रतिभागियों से साझा किये।

प्रथम तकनीकी सत्र के वक्ता डॉ0 सचिन कुमार, कीट विज्ञान विशेषज्ञ ने अपने व्याख्यान में बताया कि हम जैविक खेती के साथ-साथ फसलों की सुरक्षा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि फसल सुरक्षा को लेकर सरकार भी काफी गंभीर है तथा इसके लिए अनेक प्रकार की योजनाएं संचालित की जा रही हैं।

उन्होंने फसलों की सुरक्षा के लिए बीजामृत, जीवामृत तैयार करने की विधियां किसानों को बताई। इसके अतिरिक्त कीटों से सुरक्षा के लिए अग्निअस्त्र, ब्रह्मास्त्र कोदास्त्र आदि दवा को तैयार करने की विधियां भी किसानों के समक्ष प्रस्तुत किया।

तकनीकी सत्र के दूसरे सत्र में वक्ता के रूप में डॉक्टर राजेश कुमार प्रसाद, असिस्टेंट प्रोफेसर, वनस्पति विज्ञान ने किसानों एवं छात्रों को संबोधित करते हुए कहा की मोटे अनाजों, को श्री अन्न के नाम से अब जाना जाता है। उन्होंने मिलेट्स की खेती से होने वाले फायदे एवं मिलेट्स के उपभोग से शरीर को होने वाले फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

उन्होंने श्री अन्न को लगने वाले बीमारियों की रोकथाम के उपाय को भी किसानों से साझा किया। तृतीय तकनीकी सत्र में डॉ सुमित चौधरी असिस्टेंट प्रोफेसर, कृषि विज्ञान ने वक्ता के रूप में अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।

उन्होंने कृषि में उन्नत सस्य क्रियाएं, के बारे में उपस्थित सभा को विस्तार से संबोधित किया तथा उन्होंने अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए अनेक विधियों के बारे में किसानों को अवगत कराया। सत्र के अंतिम भाग में वक्ता के रूप में उपस्थित उद्यान पंडित एवं निदेशक नारायणी नक्षत्र पौधशाला नैनबाग श्री कुंदन सिंह पंवार जी ने किसानों के आय एवं सतत आजीविका को बढ़ाने में मिलेट्स के योगदान पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।

उन्होंने बताया कि आने वाला भविष्य मिलेट्स का है। पूरा विश्व मिलेट्स की ओर आ रहा है, और इससे अनेक फायदा किसानों को मिल रहा है।

अंत में प्राचार्य ने सभी अतिथियों को स्मृति स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यशाला में भारी संख्या में किसान एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक एवं कर्मचारी सहित 120 प्रतिभागियों ने कार्यशाला का लाभ उठाया।