नैनबाग, टिहरी गढ़वाल: राजकीय महाविद्यालय नैनबाग में 12 दिवसीय देवभूमि उद्यमिता योजना के चौथे दिन का आयोजन हुआ। चौथे दिन कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण जैविक खेती और मशरूम उत्पादन पर केंद्रित व्यावहारिक प्रशिक्षण रहा, जिसमें छात्रों को आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी और दी गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ0 मंजू गोगियाल ने की, जिन्होंने छात्रों को कृषि क्षेत्र में नवाचार और उद्यमिता के महत्व से अवगत कराया। इस अवसर पर विशेषज्ञ श्री चंदन कुमार जी और नोडल अधिकारी डॉ0 मधु बाला जुवाँठा ने छात्रों को स्वरोजगार और कृषि आधारित उद्यमिता की ओर प्रेरित किया
प्रशिक्षण सत्र में छात्रों ने मशरूम उत्पादन के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं को करीब से समझा। उन्होंने विभिन्न प्रकार की खाद, सब्सट्रेट की तैयारी और मशरूम की खेती में उपयोग होने वाली जैविक विधियों को सीखा। इसके साथ ही, जैविक खेती के महत्व को समझते हुए उन्होंने रासायनिक मुक्त कृषि उत्पादों के उत्पादन की तकनीकों पर भी अभ्यास किया।
विशेषज्ञों ने पर्यावरण अनुकूल और सतत कृषि पद्धतियों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जैविक खेती और मशरूम उत्पादन न केवल स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देते हैं, बल्कि यह किसानों और उद्यमियों के लिए आर्थिक रूप से भी लाभकारी सिद्ध हो सकता है
छात्रों ने नए जोश और उत्साह के साथ प्रशिक्षण में भाग लिया और व्यावहारिक कार्यों को पूरी गंभीरता से सीखा। इस अनुभव से उन्हें कृषि-आधारित उद्यमिता को अपनाने की प्रेरणा मिली, जिससे वे भविष्य में आत्मनिर्भर किसान और उद्यमी बन सकें।
इस प्रशिक्षण से छात्रों को प्राकृतिक संसाधनों का प्रभावी उपयोग करने, जैविक खेती अपनाने और मशरूम उत्पादन के व्यावसायिक पहलुओं को समझने का अवसर मिला। इससे न केवल स्थानीय कृषि को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि गांवों में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
इस प्रकार, देवभूमि उद्यमिता योजना के तहत आयोजित यह कार्यक्रम छात्रों को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाने की प्रेरणा दे रहा है।