राजकीय महाविद्यालय पाबौ में “जल संरक्षण एवं प्रबंधन” विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया| सेमिनार में बी.ए.एवं बी.कॉम.के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया एवं अपने-अपने विचार रखे।
सेमिनार की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर सत्य प्रकाश शर्मा ने ग्रामीण क्षेत्रों में जल स्रोतों के बचाव पर विचार रखें एवं स्रोतों के सूख जाने पर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने कहा की हमें चाहिए की जल का प्रयोग इस प्रकार करें कि भावी पीढ़ी स्वच्छ जल से वंचित न रह जाए| सेमिनार के संयोजक समाजशास्त्र विभाग की डॉ.तनुजा रावत एवं शिक्षा शास्त्र विभाग के डॉ.सौरभ सिंह रहे।
डॉ.तनुजा रावत ने छात्र-छात्राओं को जल संरक्षण के विभिन्न तरीके बताए साथ ही ग्लोबल वार्मिंग से होने वाले प्रभाव पर बात की।
उन्होंने छात्र-छात्राओं से अपील की कि वह जल संरक्षण एवं इसके उचित प्रबंध की जानकारी अपने आसपास के लोगों से भी साझा करें।
डॉ.सौरभ सिंह ने वर्षा जल संरक्षण पर अपने विचार रखे और बताया की किस प्रकार छात्र-छात्राएं यह कार्य अपने-अपने घर से ही प्रारंभ कर सकते हैं।
कार्यक्रम में बी.ए.द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा भूमिका ने अपने विचार रखे और जल संकट से आगाह किया। बी.ए.द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा प्रियंका ने जल प्रदूषण पर विचार रखे और दूषित जल से होने वाले रोगों पर चिंता प्रकट की।
छात्र धीरज रतूड़ी ने ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न छोटे-छोटे जल स्रोतों के संरक्षण पर विचार रखे और छात्र दिवाकर ने भी जल के उचित प्रबंधन पर बात की।
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ.रजनी बाला, डॉ.मुकेश शाह, डॉ.जयप्रकाश पंवार ,डॉ.सरिता, श्री महेश एवं सभी कर्मचारी गण मौजूद रहे।