दिनांक:26. दिसम्बर 2023, वीर बाल दिवस सिक्ख धर्म के लिए महत्वपूर्ण दिन है जो 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2022 में, माननीय प्रधानमंत्री द्वारा वीर बाल दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की गई।

सिक्ख धर्म के सम्मान में इस दिन को मनाए जाने की परंपरा की शुरुआत की गई है।

इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं निबंध लेखन में प्रतिभाग किया जबकि आशीष, रॉनिक, अनीता, शिवानी, पायल, आरती खवास आदि ने भाषण परास्त किया।

अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य महोदय ने इस दिवस के मनाएं जाने की ऐतिहासिकता एवं महत्व पर अपने विचार रखते हुए बताया कि, सिक्खों के दसवें गुरू गुरू गोबिन्द सिंह के पुत्रों की शहादत के सम्मान में इस दिन को मनाया जाता है।

गुरु गोबिन्द सिंह ने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की। जिसका मुख्य लक्ष्य लोगों को मुगलों के उत्पीड़न से बचाना था। आनंदपुर साहिब में ही उनका किला था। मुगलों ने कई बार इन्हें यहां से निकालने का प्रयास किया पर असफल रहें फिर बाद में मुगलों के समझौता हुआ कि अगर आनंदपुर छोड़ देंगे तो युद्ध नहीं होगा. लेकिन मुगल कायरों ने गुरु गोबिंद सिंह और उनके अनुयायियों पर सरसा नदी के पास हमला कर दिया गया।

गुरु गोबिन्द सिंह जी के 4 पुत्र अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह थे। ये चारों ही खालसा का हिस्सा थे। 26 दिसंबर के दिन ही जोरावर सिंह और फतेह सिंह, इसी हमले में शहीद हुए थे और बाकी परिवार वालों से अलग हो गए। उनकी शहादत को याद करने के लिए ही ये दिन मनाया जाता है।

इस कार्यक्रम में का आयोजन श्रीमती संतोषी (राजनीति विज्ञान) एवं सहयोग डॉ० के० एल० गुप्ता (भूगोल) ने किया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं अंजली, मीनाक्षी, धीरज मल्लिका, रोनीका रिंकी आदि उपस्थित रहे।