इंदर सिंह रावत राजकीय महाविद्यालय, पौखाल, टिहरी गढ़वाल की राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) इकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर के छठे दिन की शुरुआत प्रातः कालीन वंदना और योगाभ्यास के साथ की गई।

प्रातः अल्पाहार के बाद स्वयंसेवियों ने क्यारियों की सफाई एवं स्वच्छता कार्यक्रम में भाग लिया। इसके पश्चात प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पिलखी से आए चिकित्सा दल द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण एवं एनीमिया मुक्त भारत अभियान से संबंधित सत्र का आयोजन किया गया।

चिकित्सा दल में डॉ. गुंसोला, डॉ. प्रियंका सजवाण, एक फार्मासिस्ट एवं एक ए.एन.एम. (सहायक नर्सिंग मिडवाइफ) शामिल थे। उन्होंने स्वयंसेवकों का चिकित्सा परीक्षण किया एवं एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम की जानकारी दी।

डॉ. प्रियंका सजवाण ने अपने वक्तव्य में बताया कि एनीमिया शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के कारण होता है, जिससे थकान, चिड़चिड़ापन, चक्कर आना, एकाग्रता में कमी, स्मरण शक्ति की कमजोरी और कार्यक्षमता में गिरावट जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। उन्होंने बताया कि संतुलित आहार, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, आयरन युक्त खाद्य पदार्थ और विटामिन सी के सेवन से एनीमिया की रोकथाम की जा सकती है।

डॉ. गुंसोला ने एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम* की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों, किशोरों, किशोरियों एवं महिलाओं में हर वर्ष एनीमिया की दर को 3% तक कम करना है। इसके तहत एनीमिया से संबंधित बीमारियों एवं मृत्यु दर को घटाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने स्वयंसेवकों को आयरन की गोलियों के नियमित सेवन एवं संतुलित आहार अपनाने के लिए प्रेरित किया। इसके पश्चात चिकित्सीय टीम ने छात्र-छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया और एनीमिया से बचाव के उपायों की जानकारी दी।

अपराह्न बौद्धिक सत्र में अरविंद नारायण ने छात्र-छात्राओं को योग एवं युवा वर्ग में स्वामी विवेकानंद के विचारों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि योग एवं ध्यान का अभ्यास करने से विद्यार्थी अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचार न केवल भारत के युवाओं, बल्कि पूरी दुनिया के युवाओं को आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता और सकारात्मक सोच के साथ जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं।

स्वामी विवेकानंद के शैक्षिक विचार समाज को शिक्षित करने एवं मानवता के कल्याण के लिए उपयोगी हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने सदैव मानवता का उद्धार किया है और कई महापुरुषों ने लोककल्याण के लिए अपने जीवन को समर्पित किया। स्वामी विवेकानंद ऐसे ही एक महान विचारक थे, जिनके विचारों ने युवाओं को सकारात्मकता और आत्मनिर्भरता का मंत्र दिया।

इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अंधरूती शाह, प्रभारी प्राचार्य डॉ पुष्पा झाबा, चिकित्सक डॉ. प्रियंका सजवाण, डॉ. गुंसोला, डॉ. अरविंद नारायण, श्री अनिल, श्रीमती कुसुम सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं स्वयंसेवक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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