: राष्ट्रीय बालिका दिवस पर कोटा युवा कवियित्री चित्रा सिंह चेतना की कविता ड़की हैं कमज़ोर नहीं….. 

 

तू लड़की हैं कमज़ोर नहीं

तुझपे किसी का ज़ोर नहीं

तेरी आवाज़ को जो दबा सके

दुनियां में वो कोई शोर नहीं

तू लड़की हैं कमज़ोर नहीं…..

 

अपनी ताक़त पर विश्वास रख

तू चाहत अपनी ख़ास रख

कोई रावण करीब आ ना सकेगा

तू बस तिनका अपने पास रख

तू सीता सी साहसी हैं

तू द्रौपदी सी कमज़ोर नहीं

तू लड़की हैं…..

ये जितने भी तेरे सपने हैं

वो सारे तेरे अपने हैं

तो उन्हे पूरा करने की जिम्मेदारी

तेरी ही होगी सारी की सारी

तो अब या तो तू जी जान लगा दे

या तो फिर तू जाने दे

जो चाहिए उसे खींच ला

या जो किस्मत में हैं उसे आने दे

क्योंकि इस सफ़र में मेहनत के सिवा

तेरा साथी कोई और नहीं

तू लड़की हैं कमज़ोर नहीं।।

कवियित्री, चित्रा सिंह चेतना, कोटा राजस्थान