नवल टाइम्स न्यूज़: आज दिनांक 27 फरवरी 2022 को विज्ञान दिवस की पूर्व संध्या पर पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश एवं उत्तराखंड राज्य विज्ञान प्रौद्योगिकी परिषद, देहरादून (यूकोस्ट) द्वारा प्रायोजित एक वेबीनार का आयोजन किया गया इस वेबिनार का उद्देश्य भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने का था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ के भूतपूर्व प्रोफेसर एवं अध्यक्ष भूगर्भ विज्ञान प्रोफ़ेसर अरुण दीप अहलूवालिया जी थे।
सर्वप्रथम वेबीनार की रूपरेखा एवं मुख्य वक्ता का परिचय विज्ञान संकाय के डीन प्रोफेसर गुलशन कुमार ढींगरा द्वारा किया गया, उन्होंने कहा कि प्रो. अहलूवालिया जी द्वारा पहले भी हमारे छात्रों व्याख्यान दिया गया जो कि छात्रों द्वारा अत्यंत सराहा गया था, उन्होंने इस कार्यक्रम के संरक्षक डॉ राजेंद्र डोभाल डोभाल, महानिदेशक यूकॉस्ट व डॉ पीपी ध्यानी,कुलपति, श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय द्वारा प्रेषित शुभ शुभकामनाएं का वाचन भी किया।
इस वेबिनार के अध्यक्ष परिसर के प्राचार्य प्रो. पंकज पंत द्वारा मुख्य अतिथि का स्वागत ज्ञापन किया गया उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य हैं जो इतने प्रबुद्ध व्यक्ति को पुनः सुनने का मौका मिल रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर की ओर से मुख्य अतिथि का आभार व्यक्त किया।
प्रोफेसर अरुणदीप अहलूवालिया ने अपने व्याख्यान में सर्वप्रथम विश्व में घटित हो रही घटना के लिए शांति के लिए प्रार्थना की एवं कहा कि इतनी टेक्नॉलॉजी की आवश्यकता उन्होंने पृथ्वी को बचाने के लिए विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान पर चर्चा की, कि कैसे हम नई तकनीकी से इस पृथ्वी व इस पर रहने वाले मनुष्य, जीव जंतुओं, पेड़ पौधे को बिना क्षति पहुंचाए तकनीकी में विकसित हो सकते हैं। अगर ऐसा नहीं हुआ तो एक ऐसा भूचाल आएगा जिससे किसी का भी बचना मुश्किल है यह प्रकृति जितना हमें देती है हमें उसका सदुपयोग करना चाहिए उन्होंने जल संरक्षण पर भी जोर दिया।
इस वेबीनार में उत्तराखंड के अलावा दिल्ली पंजाब इलाहाबाद गोवा मुंबई कोलकाता जम्मू कश्मीर हिमाचल प्रदेश आदि स्थानों से लगभग 140 प्रतिभागी शामिल हुए।
अंत में श्रीमती शालिनी कोठियाल, प्रवक्ता मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी द्वारा मुख्य अतिथि एवं सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन किया गया ।
इस कार्यक्रम में सफिया हसन द्वारा कार्यकर्म का संचालन किया गया।