राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़ में व्यवसायिक पाठ्यक्रम एवं कौशल विकास से संबंधित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन l
राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़ में नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत व्यवसायिक पाठ्यक्रम एवं कौशल विकास से संबंधित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया l कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर प्रभात द्विवेदी द्वारा किया गया l
कार्यक्रम के संयोजक एवं संचालन डॉ विनीत कुमार द्वारा किया, जिन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की एवं नई शिक्षा नीति की महत्ता पर प्रकाश डाला l तत्पश्चात छात्र-छात्राओं में व्यवसायिक पाठ्यक्रम एवं कौशल विकास हेतु समझ विकसित करने के लिए विभिन्न प्राध्यापकों द्वारा अपने-अपने व्यवसायिक पाठ्यक्रम से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया गया जिससे कि छात्र छात्राएं अपना व्यवसायिक एवं कौशल विकास से संबंधित पाठ्यक्रम निर्धारित कर सकें l
सर्वप्रथम समाज शास्त्र के प्राध्यापक डॉ विक्रम सिंह ने अंडरस्टैंडिंग जेंडर के संबंध में विचार रखें l तत्पश्चात अर्थशास्त्र के प्राध्यापक डॉ प्रमोद कुमार ने बताया कि डाटा एनालिसिस शोध के क्षेत्र में कैसे सहायक होगा l शिक्षा शास्त्र के प्राध्यापक डॉ कुलदीप ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य से ही स्वास्थ्य शरीर का निर्माण होता है जो मानसिक रूप से स्वास्थ्य होगा उसमें सकारात्मक विचारों का संदेश होता है इससे संबंधित पाठ्यक्रम बहुत ही लाभकारी होगा l
संस्कृत के प्राध्यापक डॉ रामचंद्र नौटियाल ने कहा कि ज्योतिष और कर्मकांड हमारे जीवन का अभिन्न अंग है और भविष्य में छात्र छात्राओं के लिए रोजगार के अच्छे अवसर प्राप्त होंगे l गृह विज्ञान की प्राध्यापिका डॉ मोनिका अस्वाल ने अपने विषय से संबंधित खाद्य प्रसंस्करण व्यवसायिक पाठ्यक्रम के बारे में बताया जिसमें उन्होंने कहा कि कैसे अनाज फलों एवं सब्जियों को एक लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है साथ ही उन्होंने महिला सशक्तिकरण के अधिकारों से छात्र-छात्राओं को अवगत कराया l
गणित के प्राध्यापक डॉ दिनेश चंद्र ने गणित के व्यवसायिक पाठ्यक्रम की महत्ता से छात्र छात्राओं को अवगत कराया l डॉ आलोक बिजलवान ने रसायन विज्ञान से संबंधित कौशल विकास पाठ्यक्रम की जानकारी प्रदान की l
भौतिक विज्ञान की प् प्राध्यापिका डॉ कृष्णा डबराल ने व्यवसायिक पाठ्यक्रम में बेसिक इंस्ट्रूमेंटेशन स्केल से संबंधित जानकारी दीl
कार्यक्रम की समाप्ति पर महाविद्यालय के ऊर्जावान प्राचार्य प्रोफ़ेसर प्रभात द्विवेदी ने कहा कि आप चाहे किसी भी क्षेत्र में हो यदि उच्च शिक्षित हैं तो अपने कार्यों को अच्छी तरह से कर पाओगे, साथ ही उन्होंने तुलनात्मक स्वरूप में कहां की शिक्षा आप सुदूर दुर्गम क्षेत्र में भी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं इसका तात्पर्य यह नहीं कि शहर में पढ़ने वाला बच्चा अच्छा की हो और ग्रामीण क्षेत्र में पढ़ने वाला बच्चा अच्छा ना हो क्योंकि आज का युग डिजिटाइजेशन का है l
इस अवसर पर डॉ शैला जोशी, डॉ खुशपाल, डॉ बृजेश चौहान, डॉ अशोक कुमार अग्रवाल, डॉ दीपक आदि उपस्थित रहे l