नवल टाइम्स न्यूज़: वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून में दिनांक 02 मार्च, 2022 को हिन्दी अनुभाग व.अ.सं. द्वारा “राजभाषा से संबन्धित संवैधानिक प्रावधान एवं नियमों/अधिनियमों का कार्यालयीन प्रयोग” शीर्षक विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में श्री महिमान्न्द भट्ट, प्रबन्धक राजभाषा (सेवानिवृत्त), केंद्रीय भंडारण निगम उपस्थित रहें। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में संस्थान के कुलसचिव, एस.के. थॉमस ने उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए राजभाषा संबंधी सामान्य जानकारी एवं सवैधानिक प्रावधानों को कार्यालय में प्रयुक्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने मुख्य वक्ता श्री भट्ट जी का संस्थान में स्वागत करते हुए उनके अमूल्य समय हेतु आभार प्रकट किया। कार्यशाला में संस्थान के नवनियुक्त वैज्ञानिक-बी स्तर के अधिकारीगणो को राजभाषा की बारीकियों और संवैधानिक नियमों उपनियमों की जानकारी प्रदान की गई। मुख्य वक्ता श्री भट्ट जी ने अपने व्याख्यान में सभी वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करते हुए व्यक्त किया कि भाषा प्रयोग से आसान बनती है। भाषा कभी दुरूह नहीं होती है।
उन्होंने राजभाषा हिन्दी में विभिन्न भाषाओं के शब्दों की प्रयुक्ति की संक्षिप्त जानकारी साझा की। कार्यशाला का समापन प्रश्नोत्तरी सत्र तथा श्री शंकर शर्मा, सहायक निदेशक (राजभाषा) के आभार प्रकट से किया गया।
Hindi Section of Forest Research Institute, Dehradun organized day long Hindi Workshop on the topic “Constitutional provisions of Official Language and implementation of rules/regulations” on 2nd March, 2022. Shri Mahimanand Bhatt, Manager (Rajbhasha) (Retd), Central Warehousing Corporation was present as keynote speaker in the workshop. In the inaugural session of the workshop, S.K. Thomas, Registrar, FRI welcomed the participants and stressed on the implementation of official language and constitutional provisions in the office. He welcomed Shri Bhatt ji to the Institute and expressed his gratitude for his invaluable time. In the workshop, the newly appointed Scientist-B level officers of the Institute were provided information about the use of official language. Shri Bhatt ji, while encouraging all the Scientists in his presentation, expressed that language becomes easy according to our daily use. Language is never difficult. He shared brief information about the usages of words of different languages accepted in Hindi.