आज दिनांक 24 मार्च 2023 को पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग एवं जंतु विज्ञान तथा डीएनए लैब देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में विश्व टीबी दिवस के उपलक्ष्य पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हेमचंद्र ने कहा कि किसी भी राष्ट्रीय दिवस को मनाने का मकसद उसके बारे में संपूर्ण जानकारी तथा बीमारियों को जड़ से खत्म करना ही उस दिवस को मनाने का उद्देश्य है उन्होंने इस प्रकार के कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए मेडिकल टेक्नोलॉजी विभाग तथा जंतु विज्ञान को प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ हिमांशु ऐरन, डायरेक्टर प्रिंसिपल, सीमा डेंटल कॉलेज एवम हॉस्पिटल ने कहा कि विश्व टीबी दिवस पर सभी लोगों को सामाजिक तथा व्यक्तिगत कर्तव्यों का पालन करते हुए टीवी को खत्म करना होगा इसके लिए समुचित जागरूकता की आवश्यकता है ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे परिसर के प्रभारी प्राचार्य प्रो गुलशन कुमार ढींगरा ने सभी अतिथियों तथा प्रतिभागियों का स्वागत पुष्प व एक औषधीय पौधा भेंट कर किया।
एमएलटी की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना व स्वागत गान गाया गया ।
डीएनए लैब के वैज्ञानिक डॉ नरोत्तम शर्मा ने दो दिवसीय कार्यशाला की रूपरेखा एवं कार्यशाला के उद्देश्य को विस्तार से बताया उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से छात्र-छात्राओं व उनके आसपास जागरूकता आएगी।
श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एमएस रावत व कुलसचिव खेमराज भट्ट ने संदेश के माध्यम से अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।
अंत में जंतु विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ देव मणि त्रिपाठी जी ने सभी अतिथियों तथा प्रतिभागियों का इस कार्यशाला में आने के लिए धन्यवाद ज्ञापन किया, उन्होंने हर्बल पदार्थों का बीमारियों से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला तथा उन्होंने कहां की इस प्रकार के कार्यक्रमों द्वारा लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से हम सभी को प्रयास करने चाहिए ।
कार्यक्रम के प्रथम तकनीकी सत्र में डीएनए लैब के वैज्ञानिक डॉ नरोत्तम शर्मा का व्याख्यान हुआ जिसमें उन्होंने फोरेंसिक विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी प्रयोगशालाओं में सुरक्षा द्वारा नैतिकता के मानदंडों का परिचय पर विस्तार से प्रतिभागियों को बताया ।
दूसरे व्याख्यान में जूनियर साइंटिस्ट डीएनए लैब की डॉ अंकिता सिंह द्वारा टीबी (माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस) का कोविड-19 के पश्चात होने वाले गंभीर प्रभाव के बारे में विस्तार से चर्चा की व टीबी की जांच के लिए आणविक विधियां जैसे RT पीसीआर के लिए मास्टर मिक्स प्रिपरेशन पर विस्तार से बताया
तीसरे व्याख्यान में डीएनए लैब के शशि भूषण ने न्यूक्लिक एसिड आइसोलेशन, न्यूक्लिक एसिड की भूमिका, इसका संग्रह,परिवहन और भंडारण (अनुसंधान सहायक)और फोरेंसिक विश्लेषण पर प्रकाश डाला।
द्वितीय सत्र में छात्र छात्राओं ने आरटी पीसीआर की प्रोग्रामिंग तथा एमप्लीफिकेशन तकनीकी का प्रशिक्षण लिया व स्वयं परीक्षण किया।
इस राष्ट्रीय कार्यशाला में कर्नाटक राजस्थान दिल्ली मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश हिमाचल भुवनेश्वर केरल आदि स्थानों से 125 प्रतिभागियों द्वारा द्वारा प्रतिभाग किया।