जीतिन चावला एनटीन्यूज़: वीर शहीद केसरी चंद राजकीय महाविद्यालय,डाकपत्थर विकास नगर, देहरादून के अंतर्गत आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन सेल में आजादी के अमृत महोत्सव के तत्वाधान में ऑनलाइन विशेष व्याख्यान श्रंंखला के आठवें चरण में अष्ठम व्याख्यान में मुख्य वक्ता, डा प्रीति जोशी, सहायक आचार्य, विधि विभाग, विधि महाविद्यालय, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर, राजस्थान द्वारा “महिलाओं के साथ हिंसा विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर गोविंदराम सेमवाल द्वारा की गई। कार्यक्रम का संचालन डा कामना लोहनी द्वारा किया गया।

कार्यक्रम संयोजक डा राकेश कुमार जोशी, समन्वयक डॉ. राकेश मोहन नौटियाल, आयोजन सचिव डॉ. दीप्ति बगवाड़ी, आयोजन समिति सदस्यों में डॉ. नीलम ध्यानी, डॉ. राजेंद्र प्रसाद बडोनी, डॉ. विनोद रावत, डा माधुरी रावत व डा अमित गुप्ता द्वारा व्याख्यान व्यवस्था देखी गई। डॉ. प्रीति द्वारा बताया गया की महिलाएं कई सारी समस्याओं का सामना करती हैं जैसे बाल विवाह, दहेज उत्पीड़न, जादू टोना का आरोप, छेडखानी, जलाना, हत्या, उत्पीडन के कारण अवसाद और तनाव, भावनात्मक समर्थन की कमी, आत्महत्या आदि।

महिलाएं शारिरिक, सामाजिक, आर्थिक, मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक रूप से शोषित होती हैं। अक्सर व्यक्ति विशेष के द्वारा बलात्कार, जबरन वेश्यावृत्ति, यौन उत्पीड़न, तेजाब फेंकना आदि के प्रकार हैं जो महिलाएं घर या अपने कार्य स्थल पर झेलती हैं।

डॉ प्रीति ने बताया कि कार्य स्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 व्यापक रूप में और बड़े पैमाने पर 1997 के विशाखा फैसले के अनुरूप यौन उत्पीड़न की अवहेलना करता है।

व्याख्यान मे प्राध्यापक वर्ग में डा आशुतोष त्रिपाठी, डा एम एस पंवार, डा राधेश्याम गंगवार, डा रोशन केस्टवाल, डा मुक्ता डंगवाल, डॉ पूजा पालीवाल, डॉ निरंजन प्रजापति,डा रोहित शर्मा, डा दर्शन सिंह, आदि छात्र-छात्रा वर्ग में राहुल, अनु, उमेश, पलक, वर्शिता, विकास, नीलम, रिशिका, अंशिका, मयंक, अतुल, प्रांजल,आदि उपस्थित रहे।

 

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