आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में हालात बिगड़ते जा रहे हैं।कुछ समय पहले जब भारी बवाल के बीच श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा दिया था तो उन्हें आगजनी और हिंसक प्रदर्शनकारियों से बचने के लिए परिवार सहित घर छोड़कर भागना पड़ा था।
वहीं प्रदर्शनकारियों ने देश के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास को घेर लिया है। कहा जा रहा है कि राजपक्षे घर छोड़कर भाग गए हैं। कुछ समय पहले जब भारी बवाल के बीच श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा दिया था तो उन्हें आगजनी और हिंसक प्रदर्शनकारियों से बचने के लिए परिवार सहित घर छोड़कर भागना पड़ा था।
श्रीलंका के अखबार डेली मिरर की खबर के अनुसार प्रदर्शनकरी राष्ट्रपति भवन के भीतर घुस चुके हैं और उस पर कब्जा कर लिया है। स्थानीय टीवी चैनल न्यूजफर्स्ट की वीडियो फुटेज में श्रीलंकाई झंडा और हेलमेट पकड़े प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति भवन के भीतर घुसते हुए देखा जा सकता है। ट्विटर पर शेयर किए गए एक वीडियो में सैकड़ों प्रदर्शनकारी श्रीलंका के राष्ट्रपति भवन के भीतर नारे लगाते हुए नजर आ रहे हैं।
बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की इस्तीफे की मांग करते हुए शनिवार दोपहर राष्ट्रपति भवन को घेर लिया और जमकर तोड़फोड़ की. प्रदर्शनकारी श्रीलंका की बेहद खराब हालत के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं।
इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े लेकिन वह डटे रहे. प्रदर्शनकारी इस आर्थिक संकट के लिए राष्ट्रपति गोटबाया को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और पिछले तीन महीने से उनके आवास के एंट्री गेट पर कब्जा जमाए बैठे हैं. लेकिन आज प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन के अंदर तक घुस आए।
श्रीलंका की मौजूदा खराब आर्थिक हालात के लिए प्रदर्शनकारी राजपक्षे परिवार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. पिछले 2 दशक में ज्यादातर वक्त तक राजपक्षे परिवार का श्रीलंका की राजनीति में वर्चस्व रहा है. कुछ महीने तक देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री तीनों प्रमुख पद पर राजपक्षे परिवार के 3 भाई थे।
विपक्षी दलों के साथ ज्यादातर लोगों की भी राय है कि सत्ता में अपने वर्चस्व के लिए इस परिवार ने गलत नीतियों को बढ़ाया, भाई-भतीजावाद की वजह से भ्रष्टाचार चरम पर पहुंचा और गलत आर्थिक नीतियों ने देश को बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया है।