तमिलनाडु में कुन्नूर के करीब सेना का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया जिसमें सीडीएस जनरल बिपिन रावत का निधन हो गया।  क्रैश में 14 में से 13 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है। इस हेलिकॉप्टर में सवार ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह जीवित बच गए हैं। घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का इलाज जारी है।

बिपिन रावत मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले उनका जन्म उत्तराखंड के पौड़ी में 16 मार्च 1958 को हुआ था। बिपिन रावत का परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में अपनी सेवा दे रहा है। उनके पिता लक्ष्मण सिंह लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर हुए। वहीं उनकी मां प्रदेश के उत्तकाशी की रहने वाली हैं, जो पूर्व विधायक किशन सिंह परमार की बेटी भी हैं। जनरल रावत की दो बेटियां हैं।

विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान Mi-17V5 के पायलट थे, जो सीडीएस जनरल बिपिन रावत सहित 14 लोगों के साथ दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। वह 109 हेलीकॉप्टर यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर हैं।

वहीं, नीलगिरिस के कलेक्टर का कहना है कि हादसे में बचने वाला एक पुरूष है।

तमिलनाडु के नीलगिरी जिले के कुन्नूर में बुधवार को बड़ा हादसा हुआ और भारतीय वायु सेना का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हेलीकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत समेत सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी सवार थे और एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए जा रहे थे। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक इस हादसे में हेलीकॉप्टर में सवार 14 में से 13 की मौत हो गई। शवों की पहचान DNA टेस्ट से होगी। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन मौके पर पहुंच गए हैं।

हेलीकॉप्टर में 14 लोग सवार थे, जिनमें से 9 लोगों के नाम सामने आए हैं। हेलीकॉप्टर में जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के अलावा कई सीनियर अधिकारी शामिल थे। हादसे के बाद पहले 5 लोगों की मौत की पुष्टि हुई फिर 11 और अब 13 लोगों की जान जाने की खबर आ रही है। सभी डेड बॉडी निकाल ली गई हैं और तीनों घायलों को भी रेस्क्यू कर लिया गया है।

भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) ने हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

सीडीएस जनरल रावत की मौत के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देश के लिए एक बहुत ही दुखद दिन हैं. उन्होंने कहा कि हमने अपने सीडीएस जनरल बिपिन रावत जी को एक बहुत ही दुखद दुर्घटना में खो दिया है. अमित शाह ने कहा कि वह सबसे बहादुर सैनिकों में से एक थे, जिन्होंने अत्यंत भक्ति के साथ मातृभूमि की सेवा की है. उन्होंने कहा कि उनके अनुकरणीय योगदान और प्रतिबद्धता को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है. मुझे गहरा दुख हुआ है.

About The Author