कोटा 12 अक्टूबर। राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल, जयपुर के शिक्षा प्रोत्साहन प्रन्यासी अरविन्द सिसोदिया ने ” भारत सरकार और राज्य सरकारों से सूचना के अधिकार कानून को व्यवहारिकरूप से सशक्त और सक्षम बनाये जानें की माँग करते हुये कहा है कि सूचनाओं को उपलब्ध करवाने की पूरी व्यवस्था डिजिटल, व्यवहारिक एवं समयबद्ध होनी चाहिए, ताकि अन्याय, भ्रष्टाचार और गैर-जवाबदेही पर प्रभावी रोक लगाई जा सके और जनता को मजबूती देनें वाले सुधार किये जाएँ।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह , विधि एवं कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, केंद्रीय कार्मिक विभाग के मंत्री तथा राजस्थान के मुख्यमंत्रिय भजनलाल शर्मा को संबोधित सुधार पत्र प्रेषित कर कहा है कि “जनता के पास सूचना का अधिकार क़ानून अन्याय रोकने और पारदर्शिता स्थापित करने का सबसे प्रभावी साधन है, परंतु वर्तमान में कुछ अधिकारियों, कर्मचारियों का नकारात्मक रवैया इसकी भावना को कमजोर कर रहा है। जिससे जनता द्वारा न्याय एवं व्यवस्था की रक्षा से संदर्भित की जाने वाली कार्यवाहीयां बाधित हो रहीं हैँ।
सिसोदिया नें कहा कि” सूचना का अधिकार सिस्टम पूरी तरह ऑनलाइन हो, सी एस सी और ईमित्र सुविधा पर इसे आसान बनाया जाये और प्रत्येक राज्य में इस हेतु एकीकृत व्यवस्था हो, भले ही शुल्क बड़ा लिया जाये मगर सूचनाओं की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जाये, विलंब पर स्वचलित अर्थदण्ड की व्यवस्था हो, सूचना नहीं मिलने पर ओटोमेटिक समय सीमा के बाद उच्च अधिकारिओं को आवेदन ट्रांसफर हो जाये और लापरवाहीयों पर अधिकारियों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही की जानें की व्यवस्था हो। वहीं इस क़ानून का दुरूपयोग करने वालों के लिए सूचना के औचित्य के जांच की भी व्यवस्था की जाये।
उन्होंने कहा कि ” ऑनलाइन अपील और ऑनलाइन सुनवाई की सुविधा भी बननी चाहिए। सूचना अधिकारी मोबाईल से बातचीत करने की भी व्यवस्था हो, वहीं प्रत्येक विभाग की वार्षिक समीक्षा भी होनी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि “अन्याय करने का अधिकार किसी के पास नहीं है, इसलिए सूचना के अधिकार क़ानून को नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और लोकतंत्र की मजबूती का आधार बनाना चाहिए। उसकी सभी कमजोरियों को दूर कर इसे नागरिकों का सक्षम अधिकार बनाया जाना चाहिए।