हरिद्वार: भगवानपुर थाना क्षेत्र स्थित तिरुपति स्ट्रक्चर लिमिटेड लकेश्वरी भगवानपुर नामक फर्म में के ऑडिट में धोखाधड़ी व कूटरचना कर 40 लाख से अधिक रुपये का गबन करने के वाले आरोपी अकाउंटेंट को तीन वर्ष का कारावास व दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
सहायक अभियोजन अधिकारी देवमणी पांडे ने बताया कि तिरुपति स्ट्रक्चर लिमिटेड लकेश्वरी भगवानपुर नामक फर्म में आरोपी वरिष्ठ अकाउंटेंट पंचदेव दुबे कार्यरत चले आ रहे थे। फरवरी 2022 में कंपनी के जनरल मैनेजर अमित गोयल स्थानीय यूनिट में ऑडिट करने आए थे।
ऑडिट जांच में आरोपी अकाउंटेंट पंचदेव दुबे के दिए गए विवरण में सात लाख 29 हजार 921 रुपये कम पाए गए थे। जिस पर जनरल मैनेजर अनिल गोयल ने मैनेजमेंट के कहने पर पिछले 5 वर्षों का ऑडिट किया था।
जनरल मैनेजर को अकाउंट्स का रिकॉर्ड चेक करने के बाद पिछले 5 सालों में आरोपी एकाउंटेट पंचदेव दुबे पर 40 लाख 6 937 रुपये का गबन किए जाने का पता लगा था।
आरोपी अकाउंटेंट ने धोखाधड़ी से कंपनी की धनराशि हड़पने के लिए कंपनी के डेबिट व क्रेडिट में एंट्री अनुचित धन हड़पने के लिए बाउचर कूटरचित किए।
कूटरचित दस्तावेज का असल में प्रयोग कर आपराधिक न्यास भंग किया था। कम्पनी अधिकारी ने आरोपी एकाउंटेट पंचदेव दुबे पुत्र शिव मंदिर दुबे निवासी ग्राम पनियाला भगवानपुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
वादी पक्ष ने साक्ष्य में आठ गवाह पेश किए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय में आरोपी को दोषी पाया जिस पर न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय शिव सिंह ने आरोपी अकाउंटेंट को तीन वर्ष का कारावास व दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।