नवल टाइम्स न्यूज़, 31.01.2024 :  भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ई. डी. आई. आई.) एवं उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखंड सरकार की नवोन्मेषी एवं महत्वाकांक्षी योजना के रूप में निर्मित “देवभूमि उद्यमिता योजना ” के अंतर्गत आज राजकीय महाविद्यालय मंगलौर में दो दिवसीय देवभूमि उद्यमिता योजना बूटकैंप एवं प्रशिक्षण कार्यशाला के अंतिम दिन का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत ज्ञानदायिनी माँ सरस्वती के चित्र पर पुष्प एवं माल्यार्पण के साथ दीप प्रज्वलित करके किया गया।

तत्पश्चात महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. तीर्थ प्रकाश ने कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथियों को पुष्प गुच्छ भेंट कर के उनका स्वागत किया।

प्रभारी प्राचार्य ने अपने आरंभिक वक्तव्य में सभी आमंत्रित अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि महाविद्यालय उच्च शिक्षा विभाग एवं उत्तराखंड सरकार की उन सभी नीतियों और योजनाओं के समर्थन में सदैव तत्पर हैं जो छात्र/छात्राओं के सर्वांगीण विकास एवं मूल्यपरक शिक्षा को बढ़ावा देते है।

कार्यक्रम में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में श्री दीपक चौहान ने कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए बताया कि हमे हमेशा अपने गुरुओं का सम्मान करना चाहिए और उनसे सदैव प्रेरणा लेनी चाहिए।

साथ ही आज कार्यशाला के दूसरे दिन उन्होंने उपस्थित छात्र/छात्राओं को समूहों में विभाजित करके प्रत्येक समूह के आइडिया एवं उद्यमिता के सुझाओं एवं विचारों का मूल्यांकन किया और उनके विचारों से संबंधित वीडियो क्लिप भी रिकॉर्ड किया।

कार्यक्रम में वित्तीय परामर्श एवं सलाहकार के रूप में विशिष्ट अतिथि श्री गुरमीत सिंह चौहान, वित्तीय साक्षरता सलाहकार, आर.बी.आई. ने अपने व्याख्यान में वित्तीय प्रबंधन के विविध प्रावधानों के साथ-साथ भारत सरकार एवं राज्य सरकार की अनेक कार्यकारी, जनकल्याण हित में घोषित अनेक योजनाओं को विस्तार से बताते हुए

कहा की किस प्रकार हम इन सभी योजनाओं का उपयोग करके एक सफल उद्यमी बन सकते हैं और स्वरोजगार एवं स्किल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया के साथ ही मेक इन इंडिया के लक्ष्य को प्राप्त करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर तीर्थ प्रकाश ने सभी आमंत्रित अतिथियों का स्मृति चिन्ह प्रदान किया करके धन्यवाद ज्ञापित किया

साथ ही बताया की यह दो दिवसीय उद्यमिता योजना से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं के जीवन में अमूल चूल परिवर्तन लाने हेतु एक सफल प्रयास साबित होगा ।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए संयोजक डॉक्टर प्रवेश त्रिपाठी ने बताया की इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का का प्रभाव महाविद्यालय में अध्ययनरत सभी छात्र/छात्राओं पर स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रहा है निशीचीत रूप से यह कार्यशाला सभी उसपस्थित युवाओ के भविष्य निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी ।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक गण डॉ. प्रज्ञा राजवंशी, डॉ. रचना वत्स, डॉ. कालिका काले, डा. दीपा शर्मा, डा. अनुराग, श्रीमती सरमिष्टा, श्रीमती गीता जोशी, श्री फैजान अली, श्री सूर्य प्रकाश, श्री रोहित, श्री जगपाल एवं श्री सन्नी कुमार ने अपना योगदान दिया।