हरिद्वार। लक्सर तहसील में फर्जी दस्तावेजों के जरिए जमीन का सौदा कर एक स्टांप विक्रेता से 2 लाख की ठगी का मामला सामने आया है।
पीडि़त की ओर से लगातार शिकायत के बावजूद जब पुलिस ने कार्रवाई नहीं की, तब न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है। मामला जमीन जालसाजी के एक संगठित गिरोह की ओर इशारा करता है।
पीडि़त पंकज कुमार, निवासी ग्राम प्रतापपुर पेशे से स्टांप विक्रेता है। उन्होंने बताया कि खेती के लिए जमीन खरीदने के उद्देश्य से उनकी मुलाकात रकम सिंह नामक व्यक्ति से हुई, जिसने ग्राम महाराजपुर कलां की कृषि भूमि बेचने का प्रस्ताव दिया। रकम सिंह ने अपने साथियों प्रमोद, मनोज और सुमित के साथ मिलकर पंकज को भरोसे में लिया और बताया कि सुमित कुमार उक्त भूमि का असली मालिक है तथा जमीन पर कोई विवाद नहीं है।
पंकज ने 13 फरवरी 2025 को 2 लाख की राशि अदा कर सुमित कुमार के नाम रजिस्टर्ड विक्रय विलेख करवा लिया, जिसमें खसरा संख्या 167 और 59 की कुल 0.1854 हेक्टेयर भूमि दर्ज थी।
सिर्फ 15 दिन बाद, 28 फरवरी को पंकज को पता चला कि उक्त भूमि का वास्तविक स्वामी कोई और है और सुमित कुमार के नाम पर खड़ा किया गया व्यक्ति फर्जी था।
आरोपियों ने नकली आधार कार्ड, फोटो और पहचान पत्र का इस्तेमाल कर फर्जी विक्रय प्रक्रिया को अंजाम दिया। जब पंकज ने इस धोखाधड़ी को लेकर आरोपियों से सवाल किए, तो उसे गाली-गलौच और जान से मारने की धमकी दी गई।
पंकज कुमार ने 3 मार्च को कोतवाली लक्सर में लिखित शिकायत दी, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने 26 मार्च को डाक के माध्यम से भी शिकायत भेजी, लेकिन वहां से भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
पुलिस की निष्क्रियता के बाद, पीडि़त ने न्यायालय की शरण ली। न्यायालय के आदेश के अनुपालन में लक्सर पुलिस ने आरोपी प्रमोद, मनोज, रकम सिंह और कथित सुमित कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
इस पूरे प्रकरण में पुलिस की प्रारंभिक जांच में लापरवाही और मुकदमा दर्ज करने में देरी को लेकर स्थानीय प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं। जाहिर तौर पर इस तरह के संगठित अपराधों पर सख्ती से लगाम न लगाना कानून व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।
पंकज कुमार ने प्रशासन से मांग की है कि इस ठगी में शामिल सभी आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।