पूज्य गाय विश्व की माता है।
जन जन से उनका नाता है।।
कोटा राजस्थान से हर्षिता शाक्य का गाय पर लघु लेख। हर्षिता शाक्य,राजकीय कला कन्या महाविद्यालय कोटा में बीए की छात्रा हैं।
भारतीय संस्कृति में गाय को अत्यंत पूज्यनीय माना जाता है। कहते हैं कि जो गाय माता के खुर से उड़ी हुई धूल को सिर पर धारण करता है वह मनुष्य सभी तीर्थो के पावन जल में स्नान कर लेता है व सभी पापो से छुटकारा पा जाता है।
हमारे धार्मिक ग्रंथो में लिखा हे कि ” गावो विश्वस्य मातर “अर्थात् गाय विश्व की माता हे।
गौ माता में समस्त देवी-देवता व सभी तीर्थ निवास करते है . “गौ माता की सेवा करने से प्रभु की कृपा प्राप्त होती है। जन्म जन्म के पाप से गाय माँ मुक्त कराने में सक्षम हैं
ऋषि मुनियो द्वार प्राणियो की तीन माताएं कहि गयीं हे।
1. भू माता
2. गंगा माता
3. गाय माता
इसमे सार्वधिक महत्व गाय माता का हे, क्योंकि गंगा माता स्वयं गाय माता के मूत्र में निवास कृति हे। पी प्राचीन ग्रंथो में (इंद्र कृष्ण पास) कामधेनु (समुंद्र मंथन के 14 रत्नो में से एक) पदमा, कपिला आदि गाय का मत बताया गया हे।