Thursday, October 16, 2025

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हल्द्वानी : अश्वनी कुमार अवस्थी को शिक्षाशास्त्र में पीएचडी की उपाधि

हल्द्वानी। कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल ने अश्वनी कुमार अवस्थी को शिक्षाशास्त्र (Education) विषय में पीएचडी की उपाधि प्रदान की है।

उन्होंने अपना शोधकार्य एम. बी. राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, हल्द्वानी के बी.एड. विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रोफेसर टी. सी. पांडे के निर्देशन में पूर्ण किया।

डॉ. अवस्थी का शोध विषय था —

माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों की सृजनात्मकता एवं समस्या समाधान योग्यता का उनके सामाजिक–शैक्षिक कारकों के सन्दर्भ में अध्ययन

यह शोध विद्यार्थियों की रचनात्मक सोच, समस्या-समाधान क्षमता तथा उनके सामाजिक और शैक्षिक परिवेश के पारस्परिक संबंधों का विश्लेषण करता है। शोध कार्य नई शिक्षा नीति (NEP-2020) की भावनाओं से भी संगति रखता है, जिसमें विद्यार्थियों की रचनात्मकता और व्यावहारिक योग्यता को शिक्षा के केंद्र में रखने पर बल दिया गया है।

डॉ. अश्वनी कुमार अवस्थी की मौखिक परीक्षा (Viva-Voce) दिनांक 14 अक्टूबर 2025 को कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल में सम्पन्न हुई।

इस अवसर पर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU), वाराणसी की शिक्षाशास्त्र संकाय की प्रख्यात विदुषी प्रोफेसर दीपा मेहता बाह्य परीक्षक के रूप में उपस्थित रहीं। उन्होंने शोध के उच्च शैक्षणिक स्तर और व्यावहारिक प्रासंगिकता की सराहना करते हुए इसे शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में उपयोगी योगदान बताया।

प्रोफेसर टी. सी. पांडे ने कहा कि डॉ. अश्वनी कुमार अवस्थी का शोध माध्यमिक शिक्षा में विद्यार्थियों की सृजनात्मकता को विकसित करने तथा समस्या-समाधान की क्षमताओं को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है।

इस अवसर पर कुमाऊँ विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर अतुल जोशी, प्रोफेसर ममता पंत, एम. बी. राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर एन. एस. बनकोटी, तथा शिक्षा विभाग के प्राध्यापकगण डॉ. अनीता जोशी, डॉ. शुभ्रा कांडपाल, डॉ. सविता भंडारी, डॉ. रेनू रावत, डॉ. तनुजा मेलकानी, डॉ. माया जोशी, डॉ. ललित मोहन जोशी, डॉ. पूनम रानी, डॉ. राहुल कुमार शुक्ला, डॉ. अशोक उप्रेती, चंचल कुमार एवं वीरेंद्र गुप्ता सहित अन्य प्राध्यापक उपस्थित रहे।

सभी ने डॉ. अश्वनी कुमार अवस्थी को उनकी इस शैक्षणिक उपलब्धि पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं।

डॉ. अवस्थी ने अपने मार्गदर्शक प्रोफेसर टी. सी. पांडे, बाह्य परीक्षक प्रोफेसर दीपा मेहता एवं विश्वविद्यालय प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया।

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