- जिंदगी की प्यार की दो चार घड़ी होती है….
- बेकरार करके यूं न जाइये आपको हमारी कसम लौट आइये..
- वाइस आफ गाॅड हेमंत कुमार जयंती की पर आश्रय भवन में शांतनु तापड़िया ने हेमंत के गीतों से मंत्र मुग्ध कर दिया……
- न तुम हमें जानो न हम तुम्हें जाने मगर लगता है मेरा हम दम मिल गया….
हेमंत कुमार की जयंती विश्व संगीत एवं विश्व योग दिवस पर एकाग्र संगीत सभा का शुभारंभ… शुशीला तापड़िया शिक्षा विद निर्मला आडवाणी,
तापड़िया की संगीत गुरू शास्त्रीय गायिका श्रीमती संगीता सक्सेना, संगीत संस्कृति सेवी देवेन्द्र कुमार सक्सेना ने दीप प्रज्जवलित कर किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ 0 हरि मोहन शर्मा ने किया।
शांतनु तापड़िया ने वाइस आफ गाड हेमंत कुमार के एक से बढ़कर एक गीत जैसे
या दिल की सुनो दुनिया वालों…
: ये नयन डरे डरे, तेरी दुनिया में जीने से तो बेहतर है कि मर जाये.,
जाने वो कैसे लोग थे जिनके प्यार को प्यार मिला…
हमने तो जब कलियाँ मांगी काटों का हार मिला
सुहानी रात ढल चुकी न जाने तुम कब आओगे..
राही तू मत रूक जाना,
ये रात ये चांदनी फिर कहाँ सुन जा दिल की दास्ता….
जरा नज़रो से कह दो जी निशाना चूक न जाए…
आदि प्रस्तुतियों से उपस्थित श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया…
इनके साथ संगत कलाकार कीबोर्ड पर सतीश कोड़प, कांगो ढोलक पर अनुराग उप्रेती, आक्टो पेड पर नीरज कुमार ने सुरीला साथ दिया
वरिष्ठ नागरिक श्री पाल सिंह सिंघवी ने हेमंत कुमार के जीवन पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर दिवा सगंम की और से शांतनु तापड़िया को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया…
संगीत सभा में संगीतिका व आश्रय की वरिष्ठ सदस्य श्रीमती मंजूला सक्सेना, स्पिक मैके परिवार की शुभा गुप्ता, कला प्रेमी डॉ 0 भारत प्रकाश सुनेजा, सुश्री कविता ठाकुर, माहिर खान, सहित बड़ी संख्या में आश्रय परिवार के वरिष्ठ सदस्य उपस्थित थे।