संजीव शर्मा,एनटीन्यूज़:  23 सितंबर बुधवार को दिन व रात की अवधि बराबर समय की रहेगी। इसे शरद विषुव कहते हैं। इसके बाद से दिन छोटे होने लगते हैं और रात की अवधि बढऩे लगती है।

दरअसल पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुकी है। इस कारण दिन-रात की अवधि घटती-बढ़ती रहती है। दिन छोटे होने का क्रम लगभग 21 दिसंबर तक जारी रहता है। इसी दिन रात सबसे लंबी होती है। इसके बाद से एक बार फिर दिन की अवधि बढऩे लगती है।

एरीज के पब्लिक आउटरीच कार्यक्रम प्रभारी डॉ. विरेंद्र यादव के अनुसार पृथ्वी के अपने अक्ष पर झुके होने के कारण सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के दोनों गोलाद्र्ध में बराबर नहीं पड़ता है। उत्तरी गोलाद्र्ध में ग्रीष्म काल के दौरान अधिक प्रकाश पड़ता है और शीतकाल में दक्षिणी गोलाद्र्ध में ज्यादा पड़ता है।

21 से 23 सितंबर के मध्य दिन व रात की अवधि दोनों गोलाद्र्ध में समान हो जाती है। यही स्थिति मार्च 20 व 21 यानी बसंत विषुव पर रहती है।