October 29, 2025

Naval Times News

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हरिद्वार: विभिन्न स्थानों पर मनाया गया अन्नकूट पर्व जानिए पूरी खबर

हरिद्वार। भारत माता मंदिर में अन्नकूट महोत्सव हर्षोल्लास और श्रद्धापूर्वक मनाया गया, जिसमें भगवान को छप्पन प्रकार का भोग लगाया गया।

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि अन्नकूट पर्व लंबी आयु, आरोग्य की प्राप्ति कराता है और परिवारों में सुख, समृद्धि, शांति का वास होता है। उन्होंने अन्नकूट महोत्सव को ‘भक्ति, समर्पण और परंपरा का संगम’ बताया। महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने अन्नकूट के सामाजिक महत्व को समझने और गरीब, निर्धन परिवारों के उत्थान में योगदान देने का आह्वान किया।

उछाली आश्रम में श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया अन्नकूट महोत्सव

 

हरिद्वार। श्रवणनाथनगर स्थित उछाली आश्रम में अन्नकूट महोत्सव श्रद्धा व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। आश्रम के परमाध्यक्ष श्रीमहंत विष्णुदास महाराज ने बताया कि इस दौरान भगवान को 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया और श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। श्रीमहंत ने अन्नकूट महोत्सव का विशेष महत्व बताते हुए कहा कि यह पर्व लंबी आयु, आरोग्य और दारिद्रय का नाश करता है, जिससे जीवन सुखी और समृद्ध होता है। उन्होंने कहा कि 56 भोग की परंपरा केवल खाने-पीने की चीजें अर्पित करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका गहरा आध्यात्मिक और सामाजिक महत्व है, जो समर्पण और सेवा भाव से पूर्ण भक्ति का संदेश देता है।

स्वामिनारायण आश्रम में धूमधाम से मनाया गया गुजराती नववर्ष और अन्नकूट महोत्सव

हरिद्वार। भूपतवाला स्थित श्री स्वामिनारायण आश्रम में परमाध्यक्ष स्वामी हरिवल्लभदास शास्त्री महाराज के संयोजन में गुजराती नववर्ष और अन्नकूट महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर भगवान नारायण को छप्पन भोग अर्पित किए गए। स्वामी हरिवल्लभदास शास्त्री ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि अन्नकूट का पर्व पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है, और सभी को इसके संरक्षण व संवर्द्धन का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि धर्म के निमित्त धन का उपयोग ही उसकी सद्गति है, और संत सेवा तथा मानव सेवा में व्यय किया गया धन ही मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में संत और श्रद्धालु शामिल हुए।

धार्मिक आस्था का प्रतीक है अन्नकूट पर्व: स्वामी हरिचेतनानंद

हरिद्वार। भूपतवाला स्थित वैष्णव शक्तिपीठ आश्रम में अन्नकूट महोत्सव धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि अन्नकूट केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक ही नहीं, बल्कि यह प्रकृति के प्रति कृतज्ञता और समाज में एकता का संदेश भी देता है। उन्होंने कहा कि यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा से प्रेरित है और हमें अन्न तथा समृद्धि के महत्व की याद दिलाता है। महंत दुर्गादास महाराज ने अन्नकूट महोत्सव को परंपराओं का अनूठा संगम बताया और भगवान श्रीकृष्ण के आदर्शों को अपनाकर राष्ट्र निर्माण में सहयोग प्रदान करने का संदेश दिया।

परमार्थ निकेतन में अन्नकूट महोत्सव, गौ संरक्षण व संवर्द्धन का संदेश

ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन में गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव का आयोजन हर्षाेल्लास के साथ किया गया। संस्थान ने संदेश दिया कि यह पर्व धार्मिक आस्था के साथ-साथ प्रकृति और पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी का भी स्मरण कराता है, क्योंकि “प्रकृति बचेगी तो संस्कृति बचेगी।” इस अवसर पर गोवर्धन की झाँकी सजाई गई और अनेक प्रकार के व्यंजन, अनाज, फल और मिठाइयाँ भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत को भोग रूप में अर्पित की गईं। यह महोत्सव आध्यात्मिक समृद्धि और विश्व कल्याण का प्रतीक है, जो संदेश देता है कि पूजा के साथ-साथ पौधों का रोपण करना, जल बचाना और प्रकृति को संरक्षित करना भी आवश्यक है।

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