उत्तराखंड: हरीश रावत के मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनवाने के वायदे वाले बयान पर सियासी संग्राम शुरू।
लगता है राजनीति में सब चलता है कभी दल बदल की राजनीति, कभी जोड़ तोड़ की राजनीति और कभी हिन्दू मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति।
अब उत्तराखंड में भी आए एक बयान ने उत्तराखंड की राजनीति में हलचल मचा दी है। ये बयान अकील अहमद का है, जो कि सहसपुर के रहने वाले हैं। बीजेपी ने अपने पेज पर अकील अहमद को कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए जाने का लेटर अपलोड किया है।
इसके साथ ही उनका एक बयान भी सोशल मीडिया पेज पर डाला है। इसमें अकील अहमद कह रहे हैं कि हरीश रावत ने उनसे वादा किया है कि उत्तराखंड में मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना होगी।
अकील अहमद कह रहे हैं कि उनकी हरीश रावत से समझौता इसी बात पर हुआ है कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनेगी। जिसमें मुस्लिम बच्चे पढ़ सकें और शिक्षित हो सकें। आगे अकील अहमद कह रहे हैं कि हरीश रावत ने उनसे कहा है कि अगर वो मुख्यमंत्री बनते हैं, तो सारे काम होंगे।
उधर बीजेपी ने सवाल उठाया है कि जिन लोगों ने देवप्रयाग में संस्कृत यूनिवर्सिटी बनाने का विरोध किया, वो ही लोग उत्तराखंड में मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना करना चाहते हैं। फिलहाल अकील अहमद का बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और लोग तमाम तरह के कमेंट कर रहे हैं।
वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि ये कांग्रेस की नीति रही है। जब से देश आजाद हुआ है। तब से कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति करती रही है। भाजपा ने हमेशा न्याय की बात कही है।
एक तरफ कांग्रेस चारधाम की बात कर रही है। वहीं दूसरी ओर देवभूमि में मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने की पैरवी कर रही है। ये कांग्रेस की मानसिकता दर्शाती है कि चारधाम में मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाकर वो क्या करना चाहती है।