भारत रत्न से सम्मानित दिग्गज गायिका लता मंगेशकर का आज 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में रविवार सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर अंतिम सांस ली।

उनकी मौत का कारण मल्टी ऑर्गेन फेलियर बताया जा रहा है।पिछले 29 दिनों से वो कोरोना से जंग लड़ रही थीं। देश के कोने-कोने में लता मंगेशकर के जल्द स्वस्थ होने के लिए यज्ञ किए गए, लेकिन फिर भी स्वर कोकिला जिंदगी की जंग जीत न सकीं और उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

उनसे जुड़ी कई बातें हैं, जो लोगों को पता नहीं है. जैसे कि उनके नाम की हकीकत ही ले लीजिये.

लता मंगेशकर के लाखों-करोड़ों चाहने वाले हैं. पर आप में से बहुत कम लोग ऐसे होंगे, जिन्हें उनके नाम से जुड़ी असली कहानी पता होगी. असल में गायिका के नाम का किस्सा भी उनकी तरह दिलचस्प था. लता का असली नाम कुमारी लता दीनानाथ मंगेशकर था. लता मंगेशकर के पिता का नाम पंडित दीनानाथ मंगेशकर था. उनके पिता मराठी थियेटर के मशहूर एक्टर और नाट्य संगीत म्युजिशियन थे.

इसलिये संगीत की कला उन्हें विरासत में मिली थी. कहते हैं कि लता जी के पिता को अपने पिता से पक्ष से ज्यादा माता पक्ष से लगाव था. दीनानाथ की मां येसूबाई देवदासी थीं. वो गोवा के ‘मंगेशी’ गांव में रहती थीं. वो भी मंदिरों में भजन-कीर्तन कर जिंदगी का गुजारा करती थीं. बस यहीं से दीनानाथ को ‘मंगेशकर’ नाम का टाइटल मिला. जन्म के समय लता जी का नाम हेमा रखा गया था. पर एक बार उनके पिता दीनानाथ ने ‘भावबंधन’ नाटक में काम किया. जिसमें एक फीमेल कैरेक्टर का नाम ‘लतिका’ था.

लता जी के पिता को ये नाम इतना पसंद आया कि उन्होंने जल्दी से अपनी बेटी ‘हेमा’ का नाम बदलकर ‘लता’ रख दिया. ये वही छोटी ‘हेमा’ है, जिसे पूरी दुनिया आज ‘लता मंगेशकर’ के नाम से जानती है.

अपनी गायिकी के दम पर उन्हें बड़े अवॉर्ड्स से नवाजा गया था. लता मंगेशकर को दादासाहब फाल्के और भारत रत्न अवॉर्ड से भी सम्मािनत किया गया था. अपने सिंगिंग करियर में उन्होंने कई सदाबहार गाने गाये थे, जो हमेशा ही म्यूजिक प्रेमियों के फेवरेट बने रहेंगे.

संगीत की दुनिया में कितने ही गायक आयेंगे-जायेंगे, लेकिन लता जी जैसा न कोई था और न होगा.

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