• “होता है सारे विश्व का कल्याण योग से , जल्दी प्रसन्न होते हैं, भगवान योग से”

नवल टाइम्स न्यूज़, 15 अप्रैल 2022 : एकलव्य विश्वविद्यालय दमोह (म. प्र.) के सभागार में योग विज्ञान एवं प्राकृतिक चिकित्सा विभाग द्वारा ” योग से शांति ” विषय पर दो दिवसीय व्याख्यानमाला का शुभारंभ हुआ |

माननीया कुलाधिपति डॉ सुधा मलैया , माननीया उपकुलपति पूजा मलैया एवं उप कुलपति माननीया रति मलैया के मार्गदर्शन में तथा इस आयोजन के अध्यक्ष माननीय प्रोफेसर( डा.)पवन जैन , प्रमुख वक्ता प्रोफेसरर डा. ऋषभ जैन ,ऐकडमिक डीन माननीया डा. अर्चना पाठक ,योग एंड नेच्युरोपैथी की डीन डा. उषा खण्डेलवाल, संस्कृत विभाग के एच. ओ. डी. डा. आशीष जैन , डा. सूर्य नारायण गौतम , डा. एस पी. भदौरिया, डा. सुधीर गौतम, डा् शिल्पा मिश्रा, डा. पवन शर्मा, डा. दुर्गा महोबिया, डा. निधि असाटी , डा. श्वेता साहू, डा् रूपाली डा. निखिल रंजन झा , डा. संतोष पूरी, श्री रवींद्र सर, डा. स्वामी, डा. पंकज चतुर्वेदी, डा. स्वाति गौर, यामिनी गेडाम ,डा. मनीषा दीक्षित,श्री मनीष पटेल की गरिमामय उपस्थिति रही |

श्री यशपाल की पूरी टीम उपस्थित थी |  एकलव्य वि. वि. का नर्सिंग स्टाफ तथा वि. वि. के स्टूडेंट भी उपस्थित रहे |

कार्यक्रम का संचालन डा. अनूप कुमार मिश्र के द्वारा किया गया , डा. निखिल रंजन झा के द्वारा वैदिक मंत्रों से मंगलाचरण तथा डा. अंजलि तिवारी के द्वारा सरस्वती माँ की वैदिक वंदना के दीप प्रज्ज्वलित किया गया |

इस आयोजन के प्रमुख वक्ता माननीय प्रोफेसर ऋषभ चंद जैन ने योग से शांति की बहुत सुंदर विवेचना की , उन्होंने कहा हम जितना अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखेंगे उतनी ही ऊर्जा हम अर्जित कर सकते हैं |

प्रोफेसर डा. पवन जैन ने योग का बहुत ही व्यावहारिक महत्व बताया कि योग का एक अर्थ है जुड़ना, अत : मिलकर रहने की शिक्षा पर बल दिया |

एकेडमिक डीन डा. अर्चना पाठक ने भी योग से ही शांति मिल सकती है, यह समझाया और जीवन में उसे अपनाना चाहिए |

इस प्रकार योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विभाग की डीन प्रोफेसर डा. उषा खण्डेलवाल ने बताया कि योग से ही सर्वसिद्धि प्राप्त की जा सकती है ,हमारे प्राचीन ऋषि मुनि योग के द्वारा ही लंबी आयु और स्वस्थ जीवन जीते थे |यदि हम स्वस्थ रहना चाहते हैं और दवाईयों से बचना चाहते हैं तो हमें अपनी दिनचर्या में योग को अवश्य सम्मिलित करना चाहिए |

योग विभाग के एच. ओ. डी. डा. अनूप कुमार मिश्र ने भी कहा कि योग का वैदिक काल से महत्व रहा है, स्वस्थ जीवन का आधार योग है |संस्कृत विभाग के एच. ओ. डी. डा. आशीष जैन ने योग से आत्मशक्ति का विकास होता है, बहुत सुंदर विवेचना एक शेर के उदाहरण से समझाया |आज की संगोष्ठी बहुत ही सफल रही |