विपक्ष द्वारा यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद के लिए अपना सम्मिलित उम्मीदवार घोषित करने के बाद एनडीए ने भी उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है। द्रौपदी मुर्मू एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार हैं।
बता दें कि 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। भाजपा एनडीए ने राष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही एक बार फिर चौंकाने वाला फैसले लेते हुए अनजान से चेहरे द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव के मैदान में उतारा गया है।
पहले आज दिन में विपक्ष ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को अपना राष्ट्रपति बनाने का ऐलान किया था वहीं भाजपा ने द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। दिल्ली में भाजपा हेडक्वार्टर में हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में पीएम मोदी के अलावा पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, नितिन गडकरी व अन्य कई नेता मौजूद थे।
भाजपा ने इस बार राष्ट्रपति पद के लिए एक आदिवासी चेहरे का चयन किया है। द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पूर्व राज्यपाल हैं। जानकारी के मुताबिक केंद्र में एनडीए के घटक दल बीजू जनता दल ने भी द्रौपदी मुर्मू के नाम पर सहमति जताई है। अगर मुर्मू चुनाव जीतती हैं तो वह देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि पहली बार एक महिला आदिवासी को प्राथमिकता दी जा रही है।
द्रौपदी मुर्मू इससे पहले झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं।
जानिए कौन हैं राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू
एनडीए से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू 20 जून 1958 को ओडिशा में एक आदिवासी परिवार में पैदा हुईं थीं।
उन्होंने रामा देवी विमेंस कॉलेज से स्नातक किया। इसके बाद द्रौपदी ने ओडिशा के राज्य सचिवालय से नौकरी की शुरुआत की।
उनका विवाह श्याम चरण मुर्मू के साथ हुआ है।
1997 में वे पहली बार नगर पंचायत का चुनाव जीत कर पहली बार स्थानीय पार्षद बनी।
तीन साल बाद, वह रायरंगपुर के उसी निर्वाचन क्षेत्र से राज्य विधानसभा के लिए चुनी गईं।
पहली उडिया नेता जो बनीं राज्यपाल
ओडिशा के मयूरभंज जिले की रहने वाली द्रौपदी मुर्मू ओडिशा में दो बार रायरंगपुर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक रही हैं।
वह भाजपा और बीजू जनता दल की गठबंधन सरकार में 6 मार्च 2000 से 6 अगस्त 2002 तक वाणिज्य और परिवहन के लिए स्वतंत्र प्रभार और 6 अगस्त 2002 से 16 मई 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री भी रहीं थीं।
उन्हें 2007 में ओडिशा विधान सभा द्वारा सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए “नीलकंठ पुरस्कार” से सम्मानित किया गया था।
उन्हें 2015 में झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। वह पहली ऐसी उड़िया नेता हैं, जिन्हें किसी राज्य का राज्यपाल नियुक्त किया गया। नवल टाइम्स न्यूज़
वह 2002-2009 से सात साल तक मयूरभंज के लिए भाजपा जिलाध्यक्ष रहीं, 2013 में उन्हें मयूरभंज जिले के अध्यक्ष के रूप में पदोन्नत किया गया, और जब तक उन्होंने राज्यपाल की कुर्सी पर कब्जा नहीं किया, तब तक वह पद पर बनी रहीं। उस अवधि के दौरान, उन्हें भाजपा एसटी मोर्चा, या पार्टी की अनुसूचित जनजाति विंग की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भी बनाया गया था।
जानिए राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद क्या-क्या रिकॉर्ड बना सकती हैं द्रौपदी मुर्मू
- चुनाव जीतने पर बनेंगीं सबसे युवा राष्ट्रपति
राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू अगर जीत दर्ज करती हैं तो वे 25 जुलाई को शपथ ग्रहण करेंगी। उस दिन उनकी उम्र 64 साल 35 दिन होगी। फिलहाल सबसे युवा राष्ट्रपति बनने का रिकॉर्ड नीलम संजीव रेड्डी के पास है। रेड्डी जब राष्ट्रपति बने थे उस वक्त उनकी उम्र 64 साल दो महीने 6 दिन थी। www.navaltimes.in
- राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू अगर जीत दर्ज करती हैं तो पहली आदिवासी समुदाय की महिला राष्ट्रपति बनेंगीं
- देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति बन सकती हैं
द्रौपदी मुर्मू जीतीं तो देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी। प्रतिभा देवी सिंह पाटिल देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनी थीं। पाटिल 2007 से 2012 के दौरान देश के सर्वोच्च पद पर रहीं थीं। मुर्मू की तरह पाटिल भी राज्यपाल के पद पर रह चुकीं थीं।