लखनऊ से आकाश सिंघल की विशेष रिपोर्ट : त्योहारों के देश भारत में कई ऐसे पर्व हैं, जिन्हें काफी कठिन माना जाता है और इन्हीं में से एक है लोक आस्था का महापर्व छठ, जिसे रामायण और महाभारत काल से ही मनाने की परंपरा रही है।
छठ पर्व कार्तिक मास की पष्ठी तिथि पर मनाया जाने वाला डाला छठ का महापर्व रविवार की शाम श्रद्धालुओं द्वारा उत्साह एवं उमंग के साथ मनाया गया, डाला छठ का महापर्व प्राय बिहार एवं उत्तर प्रदेश के धार्मिक भक्तो द्वारा मनाया जाता है,
छठ के महापर्व को मनाने के लिये आज़मगढ़ जिले के लोग कलहोरा धाम घाट मैं लाखों की संख्या मैं पहुँचे! आयोजन समिति & LFL ग्रूप लखनऊ द्वारा घाट को दुल्हन की तरह सजाया गया
यह पर्व पति पुत्र व परिवार की सुख-समृद्धि सहित सभी मनोकमनाओं को लेकर रखा जाने वाला डाला छठ का व्रतधारियों द्वारा व्रत रखकर किया जाता है, 24 घंटे निर्जला व्रत रहने वाले व्रतधारियों का व्रत नहाय-खाय के साथ प्रारम्भ होता हैं, जो अनवरत सोमवार की सुबह अर्ध्य सूर्यदेवता को देने के साथ सम्पन होगा।
न्यूज़ गाइड देनिक समाचार पत्र की मुख्य सपादिका श्रीमती विधयावती दुबे ने छठ पूजा पर्व धूमधाम से मनाय! रविवार की शाम डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर उन्होंने & लाखों श्रद्धालुओं ने अपने पति व संतान की मंगल कामना के साथ घर की सुख समृद्धि की कामना की & सन्तों को दान दिया
छठ पूजा पर्व दीपावली से छह दिन बाद शुरू होता है। मान्यता है कि सूर्य पुत्र अंगराज कर्ण प्रतिदिन सुबह जल में खड़े होकर सूर्य की उपासना करते थे और उपासना के बाद उनके पास आकर कोई भी याचक चाहे जो मांग ले, वह खाली हाथ नहीं लौटता था। इसी मान्यता के साथ कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को भगवान सूर्य की उपासना करने के लिए छठी उत्सव मनाया जाता है।
रविवार की शाम श्रद्धालुओं ने जलकुंड में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। श्रद्धालुओं ने फल, फूल, गन्ना, गुड़ व घी से बने ठेकुआ और चावल के आटे व गुड़ से बने भूसवा जैसे व्यंजनों के साथ पूजा-अर्चना की।
इस महापर्व के अवसर पर LFL ग्रूप के चैरमैन सूर्य प्रकाश दुबे जी ने कहा यह पर्व सबको एक सूत्र में पिरोने का काम करता है। पर्व में अमीर-गरीब, बड़े-छोटे का भेद मिट जाता,एक समान एक ही विधि से भगवान की पूजा करते हैं। अमीर हो वो भी मिट्टी के चूल्हे पर ही प्रसाद बनाता है और गरीब भी
लखनऊ प्रॉपर्टी मंच के आकाश अग्रवाल ने कहा कि ये पर्व आपसी सोहारद को बढ़ावा देता है & सभी को प्रेम सूत्र मैं पिरोता हैं!
इस महापर्व में वीरेन्द्र दूबे,डॉक्टर अभिषेक दुबे जी,अनुराग डूबे,विशाल उपाध्याय, पाण्डेय जी,डॉक्टर अ,नरसिंह वर्मा,अजय अकेला गायक,प्रिन्स,आनन्द तिवारी,रविकान्त मिश्रा आदि गणमान्य नागरिक मौजूद रहे!