- 24 जनवरी राष्ट्रीय बालिका दिवस विशेष
आस्था सक्सेना गायिका ब्रांड एम्बेसेडर बेटी बचाओ चिकित्सा विभाग कोटा राजस्थान सरकार का कहना है कि ..
बेटी को सुंदर सपनों से जोड़ो।
उन्हें शिक्षा रोजगार से जोडो।।
” बेटी के सपने कोमल प्रेरणादायक पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होते हैं उन्हें समाज और सरकार द्वारा प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।
शिक्षा सुरक्षा और रोजगार की गारंटी मिलने पर बेटियां घर परिवार समाज राष्ट्र को मज़बूत करने में पुरुषों से पीछे नहीं रहती है।
करता मां की कोख से, कन्या भ्रूण पुकार।
मुझे देखना है पिता यह सुंदर संसार।।
” सरकार और प्रशासन के मजबूत कानून व्यवस्था के बाद भी बेटियां मिठाई के डिब्बे में नहर में , कूड़े में मृत पाई जाती हैं। भारत सरकार राज्य सरकार कानून प्रशासन चिकित्सा विभाग आज भी कठोरता पूर्वक कन्या भ्रूण की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध है। किंतु समाज में कुछ अनैतिक लोग आज भी कन्या भ्रूण हत्या का जघन्य अपराध कर रहे हैं। जो बेटी जन्म लेकर इस सुन्दर संसार को देखते के लिए आना चाहती हैं उन्हें लोग जन्म देने के साथ ही मार देते हैं।
बेटी का रक्षण करें, शिक्षा दें भरपूर।
रामूजी घर आंगना बिन बेटी बेनूर।
साहित्यकार रामेश्वर शर्मा रामू भैया द्वारा रचित यह पंक्ति का संदेश है” कि
जन्म लेने वाली बेटियों की रक्षा करें उन्हें मारे नहीं पालना गृह में बहुत से युगल संतान की तलाश में आते हैं उन्हें यदि वहाँ बालक बालिका उन्हें मिल जाते हैं तो दोनों का जीवन संवर जाता है।
अनेकों राज्य व राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित आस्था सक्सेना कहतीं है कि मुझे मेरे माता-पिता भारत सरकार, राजस्थान सरकार, प्रशासन प्रिंट टेलीविजन मीडिया अन्तरराष्ट्रीय गायत्री परिवार प्रमुख डॉ0 प्रणव पण्डया, श्रीमती शैल बाला पण्ड्या डॉ0 चिन्मय पण्डया माननीय प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी, लोकसभा अध्यक्ष श्रीमान ओम बिरला जी, पद्म विभूषण पद्म भूषण पद्मश्री से सम्मानित संगीत गुरूओं द्वारा समय-समय पर प्रोत्साहित किया…
पिछले दिनों मैं अपनी बेटी बचाओ अभियान यात्रा लेकर सिंहस्थ महाकुंभ उज्जैन अंतर्राष्ट्रीय गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ प्रणव पण्डया कुलाधिपति देव संस्कृति विश्व विद्यालय पूज्य शैल बाला पण्ड्या जी युवा पीढ़ी के मार्ग दर्शक डॉ0 चिन्मय पण्डया, प्रति कुलपति देव संस्कृति विश्व विद्यालय के प्रेरक आमंत्रण पर शांतिकुंज हरिद्वार माता पिता के साथ गई… जहाँ तीनों विभूतियो ने मेरे निवेदन पर 12 करोड़ से अधिक गायत्री परिवार के सदस्यों की और से बेटी की शिक्षा और संरक्षण का संकल्प पत्र भरकर बेटी बचाओ बेटी पढाओ राष्ट्रीय मिशन को सहयोग दिया….
राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध युवा गायिका संगीत, साहित्य, सेवा के माध्यम से देश विदेश में अनगिनत व्यक्तियों तक बेटियों की शिक्षा व कन्या भ्रूण संरक्षण का संदेश फैलाकर कोटा ही नहीं राजस्थान का मान बढ़ाने वाली युवा बेटी आस्था सक्सेना ब्रांड एम्बेसेडर चिकित्सा विभाग कोटा राजस्थान का कहना है कि ” भारतीय वैदिक शास्त्र, पुराणो में बेटी को महिमामंडित किया है। बेटी देवी है बेटी ने बड़ी होकर जननी के रूप में देवताओं, ऋषियों, मुनियों समाज सुधारको को जन्म दिया।बेटी परिवार व्यवस्था की धूरी है।
इतने रत्न दिए हैं कैसे जिससे देश महान है ।
भारत की परिवार व्यवस्था ही रत्नों की खान है ।।
सनातन धर्म सहित सभी मत सम्प्रदायों पूजा पद्धतियों में बेटी के महत्व को स्वीकार किया है…
गुरुजनों माता पिता एवं राष्ट्रीय विभूतियों ने प्रोत्साहित किया
आस्था सक्सेना का कहना है कि मेरी मां शास्त्रीय संगीत की गायिका योग सेवी श्रीमती संगीता सक्सेना एवं पिता देवेंद्र कुमार सक्सेना तबला वादक समाज संस्कृति सेवी हैं वे वर्षों से प्रतिदिन निःस्वार्थ भावना अपनी क्षमतानुसार लोगों की निःस्वार्थ भावना से मदद करते हैं। मेरे कार्यक्रमों में सहायता करते हैं।
बेटियों को रोजगार में प्राथमिकता…मिले ..
राज्य एवं राष्ट्रीय सम्मान से विभूषित प्रतिभाशाली जरूरत मंद बेटियों को सरकारी/ गैर सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता से उनका जीवन संवर सके तो राष्ट्रीय युवा दिवस केरियर डे एवं राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाना सार्थक हो सकता है।
बेटी का सम्मान जहाँ।
संस्कृति का उत्थान वहां।।24 जनवरी राष्ट्रीय बालिका दिवस विशेष
आस्था सक्सेना गायिका ब्रांड एम्बेसेडर बेटी बचाओ चिकित्सा विभाग कोटा राजस्थान सरकार का कहना है कि ..
बेटी को सुंदर सपनों से जोड़ो।
उन्हें शिक्षा रोजगार से जोडो।।
” बेटी के सपने कोमल प्रेरणादायक पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होते हैं उन्हें समाज और सरकार द्वारा प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।
शिक्षा सुरक्षा और रोजगार की गारंटी मिलने पर बेटियां घर परिवार समाज राष्ट्र को मज़बूत करने में पुरुषों से पीछे नहीं रहती है।
करता मां की कोख से, कन्या भ्रूण पुकार।
मुझे देखना है पिता यह सुंदर संसार।।
” सरकार और प्रशासन के मजबूत कानून व्यवस्था के बाद भी बेटियां मिठाई के डिब्बे में नहर में , कूड़े में मृत पाई जाती हैं। भारत सरकार राज्य सरकार कानून प्रशासन चिकित्सा विभाग आज भी कठोरता पूर्वक कन्या भ्रूण की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध है। किंतु समाज में कुछ अनैतिक लोग आज भी कन्या भ्रूण हत्या का जघन्य अपराध कर रहे हैं। जो बेटी जन्म लेकर इस सुन्दर संसार को देखते के लिए आना चाहती हैं उन्हें लोग जन्म देने के साथ ही मार देते हैं।
बेटी का रक्षण करें, शिक्षा दें भरपूर।
रामूजी घर आंगना बिन बेटी बेनूर।
साहित्यकार रामेश्वर शर्मा रामू भैया द्वारा रचित यह पंक्ति का संदेश है” कि
जन्म लेने वाली बेटियों की रक्षा करें उन्हें मारे नहीं पालना गृह में बहुत से युगल संतान की तलाश में आते हैं उन्हें यदि वहाँ बालक बालिका उन्हें मिल जाते हैं तो दोनों का जीवन संवर जाता है।
अनेकों राज्य व राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित आस्था सक्सेना कहतीं है कि मुझे मेरे माता-पिता भारत सरकार, राजस्थान सरकार, प्रशासन प्रिंट टेलीविजन मीडिया अन्तरराष्ट्रीय गायत्री परिवार प्रमुख डॉ0 प्रणव पण्डया, श्रीमती शैल बाला पण्ड्या डॉ0 चिन्मय पण्डया माननीय प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी, लोकसभा अध्यक्ष श्रीमान ओम बिरला जी, पद्म विभूषण पद्म भूषण पद्मश्री से सम्मानित संगीत गुरूओं द्वारा ने समय-समय पर प्रोत्साहित किया…
पिछले दिनों मैं अपनी बेटी बचाओ अभियान यात्रा लेकर सिंहस्थ महाकुंभ उज्जैन अंतर्राष्ट्रीय गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ प्रणव पण्डया कुलाधिपति देव संस्कृति विश्व विद्यालय पूज्य शैल बाला पण्ड्या जी युवा पीढ़ी के मार्ग दर्शक डॉ0 चिन्मय पण्डया, प्रति कुलपति देव संस्कृति विश्व विद्यालय के प्रेरक आमंत्रण पर शांतिकुंज हरिद्वार माता पिता के साथ गई… जहाँ तीनों विभूतियो ने मेरे निवेदन पर 12 करोड़ से अधिक गायत्री परिवार के सदस्यों की और से बेटी की शिक्षा और संरक्षण का संकल्प पत्र भरकर बेटी बचाओ बेटी पढाओ राष्ट्रीय मिशन को सहयोग दिया….
राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध युवा गायिका संगीत, साहित्य, सेवा के माध्यम से देश विदेश में अनगिनत व्यक्तियों तक बेटियों की शिक्षा व कन्या भ्रूण संरक्षण का संदेश फैलाकर कोटा ही नहीं राजस्थान का मान बढ़ाने वाली युवा बेटी आस्था सक्सेना ब्रांड एम्बेसेडर चिकित्सा विभाग कोटा राजस्थान का कहना है कि ” भारतीय वैदिक शास्त्र, पुराणो में बेटी को महिमामंडित किया है। बेटी देवी है बेटी ने बड़ी होकर जननी के रूप में देवताओं, ऋषियों, मुनियों समाज सुधारको को जन्म दिया।बेटी परिवार व्यवस्था की धूरी है।
इतने रत्न दिए हैं कैसे जिससे देश महान है ।
भारत की परिवार व्यवस्था ही रत्नों की खान है ।।
सनातन धर्म सहित सभी मत सम्प्रदायों पूजा पद्धतियों में बेटी के महत्व को स्वीकार किया है…
गुरुजनों माता पिता एवं राष्ट्रीय विभूतियों ने प्रोत्साहित किया
आस्था सक्सेना का कहना है कि मेरी मां शास्त्रीय संगीत की गायिका योग सेवी श्रीमती संगीता सक्सेना एवं पिता देवेंद्र कुमार सक्सेना तबला वादक समाज संस्कृति सेवी हैं वे वर्षों से प्रतिदिन निःस्वार्थ भावना अपनी क्षमतानुसार लोगों की निःस्वार्थ भावना से मदद करते हैं। मेरे कार्यक्रमों में सहायता करते हैं।
बेटियों को रोजगार में प्राथमिकता…मिले ..
राज्य एवं राष्ट्रीय सम्मान से विभूषित प्रतिभाशाली जरूरत मंद बेटियों को सरकारी/ गैर सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता से उनका जीवन संवर सके तो राष्ट्रीय युवा दिवस केरियर डे एवं राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाना सार्थक हो सकता है।
बेटी का सम्मान जहाँ।
संस्कृति का उत्थान वहां।।