हरिद्वार: उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग पर अतिक्रमण के नाम पर बैरागी अखाड़ों में तोड़फोड़ का आरोप लगाते हुए संतों ने श्री पंचायती अखाड़ा निर्मोही में धरना दिया। धरने में बैरागी संतों के साथ सन्यासी अखाड़ों के संत भी शामिल हुए। संतों ने यूपी सिंचाई विभाग को तोड़े गए गेट दोबारा बनवाने के लिए 13 फरवरी तक का समय देते हुए इसके बाद अनशन शुरू करने और हाईकोर्ट जाने की चेतावनी भी दी। संतों ने दावा किया बैरागी कैंप से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने 2024 तक रोक लगाते स्टे जारी किया है। लेकिन यूपी सिंचाई विभाग हाईकोर्ट के आदेशों का भी सम्मान नहीं कर रहा है।
श्री चेतन ज्योति आश्रम के परमाध्यक्ष महंत ऋषिश्वरानन्द व नीलेश्वर मंदिर के परमाध्यक्ष महंत प्रेमदास महाराज ने कहा कि बैरागी कैंप में छह सौ अठावन के लगभग परिवारों के साथ तीनों बैरागी अखाड़ों के संत भी निवास करते हैं। लेकिन यूपी सिंचाई विभाग बार बार बैरागी अखाड़ों को ही निशाना बनाता है। अतिक्रमण के नाम पर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा बुलडोजर से अखाड़े के गेट को तोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि संतों का उत्पीड़न करने की कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस संबंध में संतों की यूपी सिंचाई विभाग के अधिकारियों से वार्ता हुई है। अधिकारियों ने तोड़े गए गेट को दोबारा बनवाने का आश्वासन दिया है। यदि गेट दोबारा नहीं बनाया गया तो संत समाज हाईकोर्ट से गुहार लगाएगा।
महामण्डलेश्वर स्वामी हरिचेतनानन्द महाराज व महामण्डलेश्वर महंत महेद्रदास महाराज ने कहा कि संतों का उत्पीड़न सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही वैष्णव संत बैरागी कैंप में कुटिया बनाकर भजन कीर्तन और धर्म के प्रचार प्रसार में योगदान कर रहे हैं। लेकिन यूपी सिंचाई विभाग संतों का उत्पीड़न कर रहा है। निर्मोही अखाड़े के सचिव महंत गोविंद दास व स्वामी पवित्रदास पुजारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा बार बार बैरागी अखाड़ों में बुलडोजर की कार्रवाई की जा रही है।
उन्होने कहा कि सिंचाई विभाग मर्यादा भंग ना करे। महंत विष्णु दास महाराज ने कहा कि यूपी सिंचाई विभाग ने बिना नोटिस के ही तोड़फोड़ की कार्रवाई की है। जिसका पूरा संत समाज विरोध करता है। इस तरह की कार्रवाई को कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा। धरना देने वालों में बाबा हठयोगी, महंत प्रेमदास, महंत रघुवीर दास, महंत बिहारी शरण, महंत सूरज दास, महंत अंकित शरण, महंत प्रह्लाद दास, महंत दुर्गादास, स्वामी शिवानन्द, महंत जसविन्दर सिंह, स्वामी पवित्रदास पुजारी, महंत प्रमोद दास सहित बड़ी संख्या में संत महंत मौजूद रहे।