राष्ट्रीय विज्ञान सप्ताह- 2023 की थीम ” विश्व कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान” के अंतर्गत आज 22 फरवरी 2023 को डॉल्फिन इंस्टीट्यूट देहरादून एवं राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मालदेवता (रायपुर) देहरादून, वाणिज्य विभाग एवं महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना यूनिट के संयुक्त तत्वाधान द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।राष्ट्रीय विज्ञान सप्ताह- 2023 की थीम ” विश्व कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान” के अंतर्गत आज 22 फरवरी 2023 को डॉल्फिन इंस्टीट्यूट देहरादून एवं राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मालदेवता (रायपुर) देहरादून, वाणिज्य विभाग एवं महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना यूनिट के संयुक्त तत्वाधान द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का शीर्षक “Career with STEAM Education and Introduction of Basic Astronomy” रखा गया था। कार्यशाला की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर वंदना शर्मा द्वारा की गई कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य एवं अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया।
कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर ज्योति खरे द्वारा किया गया तथा उनके द्वारा कार्यक्रम के शीर्षक को छात्र हित में अति उपयोगी बताया गया तथा यह भी बताया कि विज्ञान सप्ताह क्यों मनाया जाता है तथा प्रत्येक वर्ष की थीम के विषय में एवं उसके महत्व के विषय में जानकारी दी ।
सर्वप्रथम प्राचार्य द्वारा उद्बोधन में कार्यशाला के शीर्षक, विषय एवं खगोल विज्ञान को अन्य विज्ञान के समतुल्य ही अति महत्वपूर्ण व उपयोगी बताया गया ।प्राचार्य ने कहा कि खगोलीय विज्ञान में सभी ग्रह नक्षत्रों के अपनी अलग-अलग विशेषताएं व व्यवहार होता है अतः उनके विषय में जानकारी प्राप्त करना अति रुचिकर है।
कार्यशाला के मुख्य वक्ता डॉ आशीष रतूड़ी, असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉल्फिन इंस्टीट्यूट, देहरादून ने खगोल विज्ञान का मनुष्य द्वारा उपयोग व उपभोग पर विस्तार से प्रकाश डाला।
डॉ रतूड़ी ने बताया कि आज का दौर विज्ञान के साथ आगे बढ़ने का है क्योंकि विज्ञान में ही नामुमकिन को मुमकिन करने की क्षमता है। डॉ रतूड़ी ने STEAM व एनपीटीईएल के अंतर्गत रोजगार उन्मुख पाठ्यक्रमों के विषय में जानकारी दी जो कि निशुल्क भी किए जा सकते हैं।
कार्यशाला में डॉ आशीष रतूड़ी के शोधार्थी श्री शांतनु ने भी अपना अति महत्वपूर्ण व्याख्यान प्रस्तुत किया तथा क्लाइमेट चेंज व खगोल विज्ञान एवं big-bang-theory को समझाया। तथा विज्ञान संप्रेषण के विषय में भी जानकारी दी और कहा कि यह खगोल शास्त्र ना केवल भौतिक विज्ञान के छात्र छात्राओं के लिए उपयोगी है बल्कि अन्य विषयों के छात्र -छात्रा भी इसे रोजगार स्वरूप चुन सकते हैं। कार्यशाला में महाविद्यालय के कला , विज्ञान एवं वाणिज्य के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया । कार्यशाला में महाविद्यालय की वरिष्ठ प्राध्यापिका प्रोफेसर दक्षा जोशी ने इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए छात्र -छात्राओं को खगोल शास्त्र को अत्यंत रुचिकर विषय बताया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रो० पूजा कुकरेती, डॉ रितु कश्यप, डॉ कविता काला ,डॉ अखिलेश कुकरेती, डॉ अनीता चौहान ,डॉ धर्मेंद्र कुमार , डॉ दयाधार दीक्षित, डॉ शशि बाला उनियाल, डॉ एस एस गुसाईं, डॉ मंजू कोगियाल, डॉ श्रुति चौकियाल, श्रीमती रश्मि नौटियाल,सुश्री मनीषा सांगवान आदि अन्य प्राध्यापक उपस्थित रहे। कार्यशाला के अंत में डॉ सुरेश कुमार द्वारा सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।