शहीद श्रीमती हंसा धनाई राजकीय महाविद्यालय अगरोड़ा, टिहरी गढ़वाल मे आज दिनांक 30 मई 2023 को प्राचार्य प्रोफेसर विनोद प्रकाश अग्रवाल के मार्गदर्शन तथा सेमिनार के समन्वयक श्रीमती सुमन, असिस्टेंट प्रोफेसर- इतिहास द्वारा प्राध्यापको के उन्नयन हेतु भारत के विश्व धरोहर स्थल विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
सेमिनार का प्रारंभ करते हुए प्राचार्य ने बताया कि हमारी संस्कृति, कला तथा सर्वधर्म की आधारशिला हमारी विरासत स्थल ही है। हमारे विरासत हमे ज्ञान, विज्ञान तथा तकनीकी से भी रूबरू कराती है। ये मानव तथा प्रकृति के मध्य जटिल संबंधों को दर्शाते है। मानव सभ्यता का विकास कैसे हुआ? ये विरासते उनकी कहानियां बयां करती है। हम सब का परम कर्तव्य है कि हमें अपने विरासत पर गर्व होना चाहिए और उनका सम्मान तथा संरक्षण करना चाहिए।
अपने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से श्रीमती सुमन ने बताया कि पूरे विश्व मे 1157 स्थल यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थलों के रूप में चयन किया है। भारत मे कुल 40 स्थलों को विश्व विरासत की श्रेणी मे रखा गया हैं, जिनमें 32 सांस्कृतिक,7 प्राकृतिक तथा 1 मिश्रित है। उत्तराखंड मे फूलों की घाटी तथा नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान विश्व विरासत कि श्रेणी मे आते हैं।
उन्होंने बताया कि हमारे विरासत स्थलों की सबसे प्रमुख विशेषता यह है कि उनके निर्माण मे स्थानीय संसाधनो, स्थानीय कलाओ के साथ-साथ स्थानीय कारीगरों को प्रमुखता दी गई थी। प्रतिवर्ष 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक धरोहर एवं विरासत का संरक्षण करना है। इस कार्यशाला मे महाविद्यालय के प्राध्यापको, कर्मचारियो एवं छात्र-छात्राओ ने प्रतिभाग किया।