हरिद्वार: उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संगठन के संयोजन में जल संस्थान व पेयजल निगम को निजी हाथों में ना सौंपे जाने व राजकीय विभाग घोषित किए जाने की मांग को लेकर कर्मचारियों ने नगर निगम स्थित जल संस्थान कार्यालय पर धरना दिया।
संगठन के गढ़वाल मंडल अध्यक्ष श्याम सिंह नेगी ने कहा कि लंबे समय से जल संस्थान एवं जल निगम को राजकीय विभाग घोषित करने की मांग की जा रही है। मांगों को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन किए जाने के बावजूद सरकार को कोई निर्णय नहीं ले रही है।
उन्होंने कहा कि मांगे पूरी होने तक धरना प्रदर्शन व आंदोलन जारी रहेगा। संगठन के प्रदेश महामंत्री रमेश बिंजोला ने जानकारी देते हुए बताया कि देश के अधिकांश राज्यों में जल संस्थान एवं जल निगम को राजकीय विभाग घोषित कर दिया गया है।
लेकिन कर्मचारियों की लगातार मांग के बावाजूद उत्तराखंड सरकार द्वारा अभी तक इस विषय को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई। उन्होंने बताया कि 27 फरवरी को विधानसभा घेराव कर सरकार को जल संस्थान एवं जल निगम को निजी हाथों में नहीं दिए जाने के संबंध में चेतावनी भी दी गई थी।
उन्होंने बताया कि एडीबी के माध्यम से कई कार्यों को निजी संस्थानों से करवाया जा रहा है। जिसका संगठन विरोध करता है। जबकि मुख्यमंत्री ने है। जिसका संगठन विरोध करता है।
जबकि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही इस विषय में निर्णय लिया जाएगा और मांगों पर विचार किया जाएगा।
लेकिन अभी तक मांगों पर किसी भी प्रकार का कोई विचार नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से मांग है की अन्य राज्यों की भांति जल संस्थान एवं जल निगम को राजकीय विभाग घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो जल संस्थान एवं जल निगम के 9000 कर्मचारी पूरे प्रदेश में इसी प्रकार से धरना प्रदर्शन करते रहेंगे और संघर्ष करने से पीछे नहीं हटेंगे। राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे सौतेले व्यवहार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।