December 26, 2025

Naval Times News

निष्पक्ष कलम की निष्पक्ष आवाज

संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए जल्द ही शुरू हो सकती है प्रक्रिया, सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला

Img 20240324 152040

संविदा-अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण अब राजनीतिक दलों के लिए चुनावी मुद्दा बन चुका है। जहां भी चुनाव हो राजनीतिक दल की ओर से नियमितीकरण का वादा प्राथमिक तौर पर रहता है।

लेकिन अब तक पूरी तरह से संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर फैसला नहीं लिया गया है। हालांकि कुछ राज्य ऐसे हैं जिन्होंने अपने अधिनस्त कर्मचारियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

लेकिन इस बीच देश की सर्वोच्च आदलत ने संविदा और अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर बड़ा फैसला लिया है।

दरसअल संविदा कर्मचारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बारहमासी/स्थायी प्रकृति के काम करने के लिए नियोजित श्रमिकों को अनुबंध श्रम (विनियमन और उन्मूलन) अधिनियम, 1970 के तहत उन्हें सिर्फ स्थायी नौकरी के लाभ से वंचित करने के लिए अनुबंध श्रमिक नहीं माना जा सकता है।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस नरसिम्हा ने अपने आदेश में हाई कोर्ट और इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें रेलवे लाइन के किनारे सफाई करने वाले मजदूरों को संविदा कर्मी से हटाकर स्थायी कर्मी का दर्जा और वेतन-भत्ते का लाभ देने का आदेश दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि रेलवे लाइन के किनारे गंदगी हटाने का काम ना सिर्फ नियमित है बल्कि बारहमासी और स्थायी प्रकृति का है।

कोर्ट ने कहा कि इन कारणों से अनुबंध पर बहाल कर्मचारियों को स्थायी किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब ये माना जा रहा है कि जल्द ही नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

सभी राज्य के संविदा कर्मचारियों को करना होगा नियमित

सुप्रीम कोर्ट ने संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण को हरी झंडी दिखा दी है। सभी संविदा कर्मचारियों को परमानेंट करने का फैसला सुना दिया गया है।

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सभी राज्यों के संविदा कर्मचारियों को नियमित करना जरूरी है। ताकि उन्हें हर महीने नियमित रूप से वेतनमान दिया जा सके और लंबे समय से इंतजार कर रहे संविदा कर्मचारियों को राहत मिल सके।

क्योंकि संविदा कर्मचारी ऐसे हैं जो कि वह काफी लंबे समय से संविदा पर नौकरी कर रहे हैं।

About The Author