राजकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय मालदेवता में दिनांक 14 सितंबर 2024 को हिंदी दिवस के रूप में मनाया गया ।

हिंदी दिवस का उद्देश्य हिंदी भाषा को बढ़ावा देना है। इस भाषा की अहमियत के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है।

यह दिन हिंदी भाषा के महत्व इसकी वर्तमान स्थिति और भविष्य में इसके समक्ष चुनौतियों पर मंथन करने का मौका देता है। हिंदी भाषा भावों की अभिव्यक्ति का सबसे सरल ज़रिया भी है ।

हिंदी भाषा सिर्फ एक भाषा ही नहीं है बल्कि यह भारतीय संस्कृति और एकता व अस्मिता का प्रतीक भी है। हिंदी हमारी राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाती है और हमें विश्व में एक अलग पहचान भी दिलाती है ।

सोशल मीडिया पर भी हिंदी पढ़ने व लिखने का उपयोग बढ़ता जा रहा है ।डिजिटल युग में भी हिंदी का दायरा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है ।हिंदी दिवस के कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने एवं प्राध्यापकों ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत किया  ।

इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो डी पी सिंह ने भी अपने शब्दों में कहा प्राचीन काल में हिंदी के विविध आयामों के अंतर्गत तक्षशिला विश्वविद्यालय तथा नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना और तत्पश्चात प्रकृत और अपभ्रंश के पश्चात खड़ी बोली हिंदी का प्रादुर्भाव हुआ इसके आगे मैकाले की शिक्षा पद्धति में राजा शिवप्रसाद सितारे हिंद और लक्ष्मण सिंह के बारे में भी विचार व्यक्त किया ।

इस अवसर पर राजनीति विज्ञान विभाग की विभाग अध्यक्ष डॉक्टर सरिता तिवारी, गृह विज्ञान विभाग की विभाग अध्यक्ष डॉक्टर डिंपल भट्ट और पूजा रानी, सैन्य विभाग के प्रोफेसर यतीश वशिष्ठ ,अर्थशास्त्र विभाग के डॉक्टर रामचंद्र सिंह नेगी, वनस्पति विज्ञान विभाग से डॉक्टर डी सी बेबनी ,जंतु विज्ञान विभाग अध्यक्ष रितु कश्यप और डॉ धर्मेंद्र राठौर डा प्रत्यूशा ठाकुर , शिक्षा शास्त्र से डॉक्टर लीना रावत और इतिहास विभाग से डॉक्टर अनीता चौहान ने अपने विचारों से छात्राओं को अभिभूत किया।

छात्र-छात्राओं में राधिका ,अंजलि, काजल, शिवानी, विजयलक्ष्मी, अनीशा,सोनम रावत, राहुल भट्ट, अंकित भट्ट, मुशाहिद ,बालम, अभिषेक रमोला ,मुकेश सिंह, अंशिका सोलंकी, सिमरन सजवान, आदि छात्रों ने कविता और भाषण प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग के डॉक्टर आशुतोष मिश्रा द्वारा किया गया ।