आज दिनांक 21 फरवरी 2025 को पंडित ललित मोहन शर्मा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर, ऋषिकेश के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग व एम्स ऋषिकेश व कैंसर केयर एंड रिसर्च अकैडमी (CRCA) के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन हुआ।

इस सम्मेलन के प्रथम तकनीकी सत्र में प्रो. ध्यान चंद्र रोसवेल पार्क कॉम्प्रिहेंसिव कैंसर सेंटर, बुफालो, एनवाई, यूएसए ने प्रोस्टेट कैंसर में माइटोकॉन्ड्रियल डिसफंक्शन और नस्लीय असमानताएं पर चर्चा की।

प्रो. ज़िया ओलिन ज़ी, स्कूल ऑफ़ मेडिसिन, यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया, इरविन, यूएसए ने प्रोस्टेट- जीन CRISPR नॉक-इन विषय पर चर्चा की।

प्रो. बेवर्ली वांग – स्कूल ऑफ़ मेडिसिन, यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया, इरविन, यूएसए द्वारा हेड एंड नेक स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा के बारे में प्रतिभागियों को बताया।

प्रो. राणा पी. सिंह – स्कूल ऑफ़ लाइफ़ साइंसेज, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ने डीएनए क्षति और मरम्मत प्रतिक्रियाओं पर सिम्युलेटेड माइक्रोग्रैविटी का प्रभाव पर अपने अनुसंधान पर विचार व्यक्त किए। प्रो. उत्तम कुमार नाथ – मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग, एम्स ऋषिकेश द्वारा आनुवंशिक वर्गीकरण और आणविक लक्षित थेरेपी का विकास पर व्याख्यान दिया गया।

इस सम्मेलन के द्वितीय तकनीकी सत्र में प्रो. सुभ्रजीत साहा यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैनसस मेडिकल सेंटर कैनसस सिटी, कैनसस, यूएसए द्वारा आंतों के उपकला में केमोकाइन माइक्रोबायोम अक्ष की भूमिका रेडियोसेंसिटिविटी पर विचार व्यक्त किये गए। डॉ. चंद्रानी सरकार, यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ अलबामा, यूएसए ने कैंसर में न्यूरोपेप्टाइड्स: चिकित्सीय हस्तक्षेप के लिए उभरते लक्ष्य पर विचार साझा किए। डॉ. बेला गोयल एम्स ऋषिकेश द्वारा पित्ताशय के कैंसर में mRNAs की क्षमता का पता लगाना हेतु अपने अनुसंधान पर विचार व्यक्त किये गए। प्रो. राकेश शर्मा मेडिकल कॉलेज, सहारनपुर ने नैनोरेडियोट्रेसर: रोबोटिक नैनोनेविगेटर पर व्याख्यान दिया।

सम्मेलन के तृतीय सत्र में इस सम्मेलन के थींम कैंसर का रोकथाम व बचाव पर पैनल चर्चा की जिसमें प्रो. रेमंड बिर्ज, प्रो. सी.वी. राव, प्रो. सुनील सैनी, प्रो. उत्तम कुमार, प्रो. वर्तिका सक्सेना उपस्थित रहे, जिसमे हमारे सम्मानित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संकायों द्वारा एक बहुत ही ज्ञानवर्धक पैनल चर्चा हुई जिसमें कैंसर की रोकथाम, प्रबंधन और प्रारंभिक पहचान के विभिन्न दृष्टिकोणों पर चर्चा की गई। हमारी भारतीय आबादी पर प्रभावी प्रभाव डालने के लिए विभिन्न नैदानिक ​​परीक्षणों और उभरती हुई दवाओं पर भी चर्चा की गई।

अंतिम तकनीकी सत्र में

डॉ. देबांजन चक्रवर्ती, यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ अलबामा, यूएसए द्वारा गैस्ट्रिक कैंसर की प्रगति को रोकने पर चर्चा की गए।

इसके अतिरिक्त समानांतर सत्र में विभिन्न विश्वविद्यालय में अध्यनरत शोधार्थियों द्वारा अपने पोस्टर व ओरल प्रेजेंटेशन दिया गया, जिसमें तीन उत्कृष्ट ओरल प्रेसेंटेशन व तीन पोस्टर पर्सेंटेशन को पुरस्कृत किया गया।

समापन सत्र के दौरान सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं सभी आमंत्रित वक्ताओं को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।

इस दौरान बायोकेमिस्ट्री विभाग की विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो अनीसा आतिफ ने सभी प्रतिभागियों के ध्यावाद ज्ञापित किया। प्रो राणा प्रताप सिंह ने आये हुए वक्ताओ का आभार व्यक्त किया। प्रो० गुलशन कुमार ढींगरा द्वारा इस सम्मेलन के उद्देश्य व सारांश बताया।

इस सम्मेलन में अमेरिका के 30 के लगभग वक्त व देश के अनेक स्थानों से कुल 80 से अधिक वक्ताओं ने अपना व्याख्यान दिया जोकि कैंसर विज्ञान के लिए लाभदायक सिद्ध होगा।

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