राजकीय महाविद्यालय पौखाल (टिहरी गढ़वाल) में हिंदी विभाग के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया जिसमें सर्वप्रथम हिंदी विभाग प्रभारी डॉ. बी.आर. बद्री द्वारा सभी का स्वागत व मातृभाषा दिवस के उपलक्ष में बधाई दी गई और सर्वप्रथम महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए. एन. सिंह ने सभी विद्यार्थियों को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के बारे में जानकारी प्रदान की।
जिसमें प्राचार्य ने बताया कि यूनेस्को ने 17 नवंबर 1999 को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की स्वीकृति दी और 21 फरवरी को इसे मनाया गया इसका उद्देश्य भाषा और सांस्कृतिक विविधता और बहू भाषावाद के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है।
बताया कि भाषाओं के संरक्षण के लिए यह वैश्विक प्रयास है। मातृभाषा के संरक्षण और विकास के लिए इसका स्थानीय स्तर पर प्रयास होकर वैश्विक स्तर तक जाना जरूरी है हमें अपनी मातृभाषा को बढ़ावा देना चाहिए और साथ ही संस्कृति का संरक्षण भी करना चाहिए। जिसको राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी बताया गया है।
मातृभाषा दिवस के कार्यक्रम प्रभारी एवं हिंदी विभाग के प्रभारी डॉ. बी. आर. बद्री ने यूनेस्को द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की घोषणा से बांग्लादेश के भाषा आंदोलन दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति मिली इसके बारे में बताया तथा यह भी बताया कि विश्व के विभिन्न क्षेत्रों की विभिन्न संस्कृतियों एवं बौद्धिक विरासत की रक्षा करना तथा मातृ भाषाओं का संरक्षण करना एवं इन्हें बढ़ावा देना मातृभाषा दिवस का मुख्य उद्देश्य है, स्वदेशी भाषाओं की रक्षा के लिए भारत ने भाषा संगम कार्यक्रम शुरू किया जो छात्रों को अपनी मातृभाषा सहित विभिन्न भाषाओं को सीखने और समझने के लिए प्रोत्साहित करता है।
साथ ही उन्होंने बताया कि उत्तराखंड राज्य में भी गढ़वाली और कुमाऊं में जो स्थानीय भाषाएं हैं उनको किस प्रकार संरक्षण करके प्रयोग में लाकर बढ़ावा दिया जा सकता है तथा अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की शुरुआत कैसे हुई और वर्तमान तक इसकी उपलब्धि के बारे में बताया तथा मौखिक एवं लिखित भाषा के प्रयोग के बारे में भी बताया।
समाजशास्त्र विभाग प्रभारी डॉ. बबीत बिहान ने बताया कि समाज में परिवार के अंतर्गत एक बच्चे को मां के द्वारा उसके बाद परिवार, पड़ोस व शैक्षणिक संस्था आदि के द्वारा किस प्रकार मौखिक लिखित व सांकेतिक भाषा सिखाई जाती है और उसका समाजीकरण किया जाता है तथा भारत के जनजातीय क्षेत्रों में किस प्रकार स्थानीय भाषा का प्रयोग होता है इसके बारे में बताया तथा यह कहा कि अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने का सुझाव कनाडा में रहने वाले बांग्लादेशी रफीकुल इस्लाम ने दिया था तथा सरकार ने केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान भी स्थापित किया है जो भारतीय भाषाओं के अनुसंधान और विकास हेतु समर्पित है राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी मातृभाषा के संरक्षण में प्रोत्साहन को सम्मिलित किया गया है आदि बताया।
कार्यक्रम के शुभ अवसर पर अर्थशास्त्र विभाग प्रभारी डॉ. अनुरोध प्रभाकर जी, भूगोल विभाग प्रभारी डॉ.पुष्पा झाबा राजनीति विभाग प्रभारी डॉ. अरविंद नारायण जी एवं सभी छात्र/छात्राएं उपस्थित रहे।