आज राजकीय कला कन्या महाविद्यालय की शोध एवं विकास प्रकोष्ठ द्वारा सुश्री जया मींड (संगीत) विषय उत्तर भारतीय गायन पद्धति पर सामाजिक परिवर्तन का प्रभाव : 20वीं सदी से 21वीं सदी पर पीएच.डी. शोध, डॉ. पुनीता श्रीवास्तव के निर्देशन में पूर्ण कर लिया है ।
साथ ही मोहम्मद बाकिर हुसैन जिन्होंने अपना शोध कार्य डॉ. नादिरा खातून, आचार्य, उर्दू के निर्देशन में विषय A Lexicon of the selected terms of Urdu criticism with premise पर पूर्ण किया है, ने शोध कार्य की पूर्णता पर प्रस्तुतीकरण किया।
जया मींड ने प्रस्तुतीकरण में उद्घाटित किया कि भारतीय ज्ञान पद्धति वर्तमान समाज का प्रतिनिधित्व करती है व समाज के सभी पहलुओं जैसे- धार्मिक, सांस्कृतिक, नैतिक पक्षों को प्रभावित करती है।
इनका वर्तमान शोध गायन पद्धति से जुड़े नये आयामों जैसे- संगीत चिकित्सा, संगीत योग इत्यादि पक्षों को भी दर्शाता है।
मोहम्मद बाक्रि हुसैन ने उर्दू आलोचना के साथ हिन्दी और अंग्रेजी आलोचना के पक्षों को प्रस्तुत करते हुए उर्दू आलोचना क्षेत्र में प्रचलित पारिभाषिक शब्दावलियों का इतिहास, उनका क्रमिक विकास एवं बीज शब्दों को अपने शोध में सम्मिलित किया है।
समारोह की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. सीमा चौहान ने की। महाविद्यालय के सभी शोध पर्यवेक्षक एवं शोधार्थी उपस्थित रहे। संकाय सदस्यों ने शोधार्थियों से उनके विषय के संबंध में प्रश्न पूछे तथा सुझाव दिए।
इस आयोजन में राजकीय महाविद्यालय के उर्दू विभाग के सदस्य डॉ. मोहम्मद नईम, मोहम्मद अली रज़ा, डॉ. नुसरत फातिमा एवं डॉ. फानी भी उपस्थित रहे।