आज दिनांक 27 फरवरी 2025 को राजकीय महाविद्यालय नैनबाग में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन किया गया।

राष्ट्रीय सेमिनार के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रोफेसर एम0एम0 सेमवाल विभागाध्यक्ष राजनीति विज्ञान विभाग, हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल, ने दीप प्रज्वलित सेमिनार का उद्घाटन किया।

सेमिनार का विषय भारतीय पारंपरिक ज्ञान प्रणाली एवं बाजार की खेती के माध्यम से सतत विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति है। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ0 मंजू कोगियाल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा उन्होंने उपस्थित सभी शोधार्थियों, वक्ताओं एवं विद्यार्थियों को बेहतर विचार विमर्श हेतु शुभकामनाएं प्रेषित किया। सेमिनार के संयोजक डॉ0 मधु बाला जुवाँठा ने उपस्थित सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा इस राष्ट्रीय सेमिनार के प्रस्तावना को सभी के समक्ष रखा।

उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में सतत विकास के लक्ष्यो को प्राप्त करने हेतु हमें पुरानी कृषि पद्धति की ओर लौटना होगा। वर्तमान में हमारे अनुभव यही बता रहे हैं कि जलवायु परिवर्तन, जमीन की उर्वरता में कमी आदि समस्याएं तभी समाप्त हो सकती हैं जब हम अपने पारंपरिक ज्ञान प्रणाली को अपनाएंगे।

विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित प्रोफेसर सुमिता श्रीवास्तव, प्राचार्य, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय काशीपुर, ने उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए इस राष्ट्रीय सेमिनार के प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।

उन्होंने अपने उद्बोधन में उपस्थित सभी शिक्षकों, वक्ताओं, प्रतिभागियों को विचार विमर्श हेतु शुभकामनाएं प्रेषित किया। उन्होंने प्रथम तकनीकी सत्र में अध्यक्ष के रूप में भी योगदान दिया। मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित प्रोफेसर एम0सी0 सती विभागाध्यक्ष, अर्थशास्त्र विभाग, हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल, ने बाजारे की खेती के संबंध में अपने अन्तर्दृष्टि एवं अनुभव प्रस्तुत किए।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में बाजारे की खेती के माध्यम से हम सतत विकास के अनेक लक्ष्यो को प्राप्त कर सकते हैं। बाजारे की खेती न केवल जलवायु परिवर्तन से निपटने को सक्षम है बल्कि भुखमरी, आय की असमानता एवं पलायन जैसे समस्याओं का भी समाधान कर सकता है।

रिसोर्स पर्सन के रूप में उपस्थित प्रोफेसर एसपी जोशी, विभागाध्यक्ष, जंतु विज्ञान डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून द्वारा बाजरे की खेती पर पावर पॉइंट के माध्यम से विस्तार से व्याख्यान प्रस्तुत किया गया।

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित एम0एम0 सेमवाल ने राष्ट्रीय सेमिनार के सफल संचालन हेतु सभी को शुभकामनाएं प्रेषित की। उन्होंने बताया कि ऐसे गोष्ठियों के आयोजन से ज्ञान का आदान-प्रदान होता है जिससे समाज का समग्र विकास संभव होता है।

राष्ट्रीय सेमिनार के आयोजक सचिव परमानंद चौहान ने सभी आगंतुकों को धन्यवाद एवं आभार प्रेषित किया।

उन्होंने विपरीत मौसम में भी उपस्थित शोधार्थियों, वक्ताओं, अतिथियों, शिक्षकों, छात्र-छात्राओं स्वयंसेवकों के हौसले को सराहा तथा धन्यवाद दिया। द्वितीय तकनीकी सत्र में रिसोर्स पर्सन के रूप में उपस्थित श्री कुंदन सिंह पवार, उद्यान पंडित एवं निदेशक नारायणी नक्षत्र पौधशाला द्वारा भी व्याख्यान प्रस्तुत किया गया।

राष्ट्रीय सेमिनार के प्रथम दिन के दोनों तकनीकी सत्रों में कुल 17 प्रतिभागियों द्वारा शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।

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