धनोरी, हरिद्वार, 27 फरवरी 2025: धनोरी पी.जी. कॉलेज के भूगोल विभाग द्वारा “वर्षा जल संचयन प्रबंधन” (Rain Water Harvesting Management) विषय पर एक विशेष समूह चर्चा का आयोजन किया गया।
यह कार्यक्रम महाविद्यालय के सचिव श्री आदेश जी एवं प्राचार्य प्रो. (डॉ.) विजय कुमार की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य जल संरक्षण के महत्व को उजागर करना और विद्यार्थियों को वर्षा जल संचयन की आधुनिक एवं पारंपरिक तकनीकों से अवगत कराना था।
इस चर्चा में भूगोल विभाग के अध्यक्ष डॉ. शांति सिंह, सहायक आचार्य डॉ. विजय कुमार, डॉ. आनंद शर्मा एवं डॉ. राहुल कुमार, प्रयोगशाला सहायक श्रीमती नूतन सैनी और श्री दीपक कुमार सहित विभाग के अन्य शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। चर्चा के दौरान सभी ने वर्षा जल संचयन के महत्व पर अपने विचार रखे।
भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. शांति सिंह ने कहा कि वर्षा जल संचयन पारंपरिक रूप से भारत में अपनाई गई एक महत्वपूर्ण तकनीक रही है, लेकिन आधुनिक समय में इसकी अनदेखी की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस तकनीक को पुनर्जीवित करके जल संकट की समस्या को काफी हद तक हल किया जा सकता है।
डॉ. आनंद शर्मा ने वर्षा जल संचयन की वैज्ञानिक विधियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यदि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावी जल संचयन प्रणाली लागू की जाए, तो जल संकट से उबरने में मदद मिल सकती है। उन्होंने छात्रों को इस विषय पर शोध करने और नए मॉडल विकसित करने के लिए प्रेरित किया।
डॉ. राहुल कुमार ने बताया कि जल संरक्षण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति को इस दिशा में योगदान देना होगा। उन्होंने वर्षा जल संचयन के व्यावहारिक उदाहरणों पर चर्चा की और इसके सफल कार्यान्वयन की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं ने समूह चर्चा में अपने विचार व्यक्त किए और वर्षा जल संचयन के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने अपने अनुभव साझा किए और इस विषय पर जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में भूगोल विभाग के शिक्षकों, प्रयोगशाला सहायकों एवं विद्यार्थियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। महाविद्यालय प्रशासन ने भविष्य में भी इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का आश्वासन दिया।