• नारी है ऐसा उपवन जिसने, महाकाय सबका जीवन : प्रोफेसर सत्येंद्र

आज राजकीय मॉडल महाविद्यालय मीठीबेरी, हरिद्वार में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हिंदी विभाग की ओर से ” वर्तमान परिप्रेक्ष्य में स्त्री विमर्श” विषयक पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का आरंभ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण करके किया गया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए हिंदी विभाग की प्राध्यापिका डॉ सुनीता बिष्ट ने कहा आज का दिन महिलाओं को समर्पित है आज आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक ,खेल हर क्षेत्र महिलाओं की उपलब्धियां से भरा है। आज महिलाएं आत्मनिर्भर हो गई हैं, इसलिए हर क्षेत्र में एक मिसाल कायम कर रही हैं। एक सड़क पर रहने वाली स्त्री भी आज अपने अधिकारों की प्रति सचेत हो गई है।

कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने कविताओं और भाषणों के माध्यम से अपने विचार व्यक्त किए। महिलाओं की विभिन्न जिम्मेदारियों का वर्णन करते हुए श्रीमती पूनम ने कहा आज महिलाएं दोहरी जिम्मेदारी का निर्वाह बड़ी कुशलता पूर्वक कर रही हैं।संस्कृत की प्राध्यापिका डॉ सुमन पांडे ने संस्कृत साहित्य के आधार पर महिलाओं की स्थिति पर अपने विचार व्यक्त किए।

विशिष्ट अतिथि डॉ सुनील कुमार ने इतिहास की तेजस्विनी स्त्रियों का जिक्र करते कहा ऋग्वैदिक काल एवं उत्तर वैदिक काल में घोषा , लोपामुद्रा, विश्ववारा,गार्गी मैत्री अनुसुइया जैसी तेजस्विनी स्त्रियां थी और समाज में उनका एक सम्मानजनक स्थान था। महिलाओं को खुद तय करना होगा उनके लिए क्या सही है क्या गलत है।

डॉ अरविंद कुमार वर्मा ने समाजशास्त्र के आधार पर समाज में स्त्रियों की स्थिति , और स्त्रियों पर पड़ने वाले सामाजिक दबाव पर अपने विचार व्यक्त किए।वही राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक डॉ कुलदीप चौधरी ने राजनीतिक क्षेत्र में स्त्रियों के योगदान पर अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोo सतेंद्र कुमार ने कहा यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः जहां नारियों का सम्मान होता है वही देवता निवास करते हैं। स्त्री का इतिहास महिमामय है उपनिषद में स्त्री और पुरुष को एक ही तेज की दो ज्योतियां कहा गया है।

महिलाओं की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए प्रोoसत्येंद्र कुमार ने कहा आज महिलाएं खेती-बाड़ी से लेकर वायुयान उड़ाने और अंतरिक्ष तक जा रही हैं।

महाविद्यालय के प्राचार्य ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा भारत में नारी को सम्मान देने के लिए मातृ दिवस,महिला दिवस आदि मनाए जाते हैं पर क्या वास्तव में महिलाओं को समाज में एक गरिमामय स्थान प्राप्त है ?इस पर विचार करना बहुत आवश्यक है ।

प्राचार्य प्रोoअर्चना गौतम ने कहा आज का दिन सिर्फ मेरे या आपके लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए महिलाओं की सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक भागीदारी को बढ़ावा देने का दिन है।

आज के कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक, कार्यालय वरिष्ठ सहायक श्री शशिधर उनियाल,कर्मचारी सूरज ,कुलदीप और छात्र-छात्राओं में गुलफाम, नवनीत, पूजा, ईशा,प्रियंका, विधाता , सुरभि,स्वाति, अंकिता, संगीता,सपना ,आंचल प्रियंका, लव कुश, शीतल, उमा ,भारती, नवनीत , नन्द, सौरभ सिंह, प्रीतम, अंशु, संध्या प्रिया ,कशिश, सोनाली नेगी इत्यादि छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

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