राजकीय व्यावसायिक महाविद्यालय बनास पैठाणी पौड़ी गढ़वाल में उच्च शिक्षा विभाग एवं भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद के सहयोग से देवभूमि उद्यमिता योजना के पंचम दिवस में छात्र-छात्राओं एवं स्थानीय उद्यमियों को स्वरोजगार के लिए कृषि-वानिकी मॉडल अपनाने हेतु प्रोत्साहित किया गया।
कार्यक्रम में देभभूमि उद्यमिता केंद्र के फैकल्टी मेंटर डॉ. प्रकाश फोंदणी ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम का सफल संचालन किया तथा कहा कि उद्यानिकी, कृषि, बेमौसमी सब्जियों, प्रोटेक्टेड कल्टीवेशन, जड़ी बूटी कृषिकरण, फूलो की खेती, बायोकंपोस्ट, वर्माकंपोस्ट, जंगली खाद्य फलों का जैव-प्रसंस्करण आदि से भी हम अपनी आजीविका बढ़ा सकते है।
महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. कुमार गौरव जैन ने छात्र- छात्राओं को सरकारी नोकरी का मोह छोड़कर स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया। नोडल अधिकारी डॉ पुनीत चन्द्र वर्मा ने संगठन संरचना, स्टार्टअप पंजीकरण, बिजनेस प्रोटोकॉल, स्टार्ट अप इंडिया स्कीम, ग्लोबल स्टार्टअप इकोसिस्टम आदि पर विस्तार से चर्चा की।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित श्री आशाराम पंत, पूर्व खंड विकास अधिकारी एवं स्थानीय उद्यमी पैठाणी ने कहा कि बाजार मांग के अनुरूप कृषि उत्पादों को तैयार करके हम स्वरोजगार अपना सकते है जिससे अन्य लोगो के लिए भी रोजगार की संभावनाएं बनेगी।
उन्होंने अपनी उद्यमिता यात्रा पर चर्चा करते हुए कहा कि मैंने रिटायरमेंट के बाद अपने बंजर खेतो में कृषि-वानिकी मॉडल की मिसाल कायम की जिसमे पारंपरिक फसलों के साथ लग-भग 160 कीवी के पौधे, लेमनग्रास, माल्टा, अखरोट आदि लगे है एवं 6-7 स्थानीय लोगो को रोजगार भी मिला है ।
निश्चित रूप में यह मॉडल छात्र -छात्राओं के स्वरोजगार के लिए प्रेरणादायी सिद्ध होगा। महाविद्यालय की प्राध्यापिका डॉ. कल्पना रावत, असिस्टेंट प्रोफेसर, मैनेजमेंट विभाग ने सक्सेस स्टोरी के माध्यम से छात्र-छात्राओं को उद्यमिता से रूबरू कराया तथा कहा कि ऐसे लोगो ने भी उद्यमिता में महारथ हासिल की है जो विशेषकर उस फील्ड के भी नही है लेकिन आज उनको बहुत अच्छा फायदा मिल रहा है। जिसमे सभी प्रतिभागियों ने महत्वपूर्ण रूचि दिखाई।
महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. दिनेश रावत, डॉ. खिलाप सिंह, डॉ. सतवीर, डॉ. उर्वशी एवं डॉ. आलोक कंडारी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सम्मानित प्राध्यापको, कर्मचारियों, स्थानीय उद्यमियों एवं लग-भग 50 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।