राहु इंद्रेश्वर मंदिर पैठाणी में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर हुआ योगाभ्यास, पौराणिक वेद-पुराणों, गंगा की सभ्यता एवं संस्कृति पर चर्चाओं का समागम

पैठाणी, पौड़ी गढ़वाल। राजकीय व्यावसायिक महाविद्यालय बनास पैठाणी की नमामि गंगे इकाई द्वारा सूचना, शिक्षा एवं संचार कार्यक्रम के तहत 11 वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष पर स्थानीय राहु इंद्रेश्वर मंदिर के परिसर में नयार नदी के संगम पर योगा शिविर में पौराणिक वेद-पुराणों, गंगा की सभ्यता एवं संस्कृति पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया |

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यअतिथि श्री मतवर सिंह रावत एवं महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) विजय कुमार अग्रवाल ने किया |

महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ. प्रकाश फोंदणी ने कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए सभी अतिथियों, आचार्यगणों, योगाचार्यों, साधु संतों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया। नमामि गंगे के नोडल अधिकारी डॉ. खिलाप सिंह ने सभी को 11 वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य की थीम पर इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है |

आज हम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के पावन अवसर पर एकत्रित हुए हैं, जो केवल शारीरिक स्वास्थ्य का उत्सव ही नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति की गहराई का भी प्रतीक है | नमामि गंगे मिशन जो हमारी जीवन दायिनी माँ गंगा के संरक्षण का एक राष्ट्रीय अभियान है, इस योग दिवस के माध्यम से हमें आध्यात्मिकता शुद्धता और संतुलन का स्मरण कराता है | वेदों में योग को आत्मा और परमात्मा के मिलन का साधन कहा गया है, योग का अभ्यास हमें प्राकृतिक संतुलन, शुद्ध विचार और नैतिक जीवन की ओर ले जाता है | हम सभी का कर्तव्य है की गंगा की रक्षा, योग का प्रचार और वेद-पुराणों की शिक्षा को समाज तक पहुंचाएं |

आर्ट ऑफ़ लिविंग के योग प्रशिक्षक योगाचार्य सुनील पंत ने प्रार्थना एवं

ॐ के जाप से सभी को मंत्र मुग्ध करते हुए, योग, ध्यान एवं प्राणायाम के विभिन्न आसनों द्वारा सभी प्रतिभागियों को योगाभ्यास कराया |

आचार्य भास्कर खंखरियाल ने कहा वेदों का ज्ञान एक शक्तिशाली उपकरण है, जो हमें अपने जीवन को बेहतर बनाने और एक अधिक सार्थक, खुशहाल और उद्देश्य पूर्ण जीवन जीने में मदद कर सकता है | पुराण व्यावहारिक ज्ञान का खजाना है जो हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं में मार्गदर्शन करता है, और हमें एक बेहतर इंसान बनने में मदद करता है |

प्राचार्य प्रो विजय कुमार अग्रवाल ने कहा आज हम सब यहा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के पावन अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह दिन न केवल हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रतीक है, बल्कि हमारी भारतीय संस्कृति और परंपरा की एक अमूल्य देन योग का वैश्विक उत्सव भी है |

जैसा कि आप सभी जानते हैं, योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि यह एक जीवन शैली है। यह शरीर, मन और आत्मा के बीच सामंजस्य स्थापित करने की एक अद्भुत पद्धति है। आज पूरी दुनिया ने योग की महत्ता को स्वीकारा है, और यही कारण है कि 21 जून को हर साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। हमारे महाविद्यालय में भी योग को विद्यार्थियों के जीवन में शामिल करना अत्यंत आवश्यक है। यह न केवल उन्हें तनाव से मुक्ति दिलाता है, बल्कि अनुशासन, एकाग्रता और आत्मविश्वास भी बढ़ाता है।

आज के इस विशेष दिन पर, हम सभी मिलकर यह संकल्प लें कि हम योग को केवल एक दिवस तक सीमित न रखकर, इसे प्रतिदिन के अभ्यास में लाएँगे। स्वस्थ शरीर और शांत मन से ही हम एक सशक्त समाज और उज्ज्वल भविष्य की कामना कर सकते है। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापको, कर्मचारियो, स्थानीय जनप्रतिनिधियो के साथ -साथ छात्र- छात्राओं ने विशेष रूप मे प्रतिभाग किया।

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