एनटीन्यूज़: उत्तराखंड के चंपावत जिले के पवनदीप राजन इंडियन आइडल 12 के विजेता बने हैं। वह सभी जजों को अपनी गायकी से मुरीद बना चुके थे। इसके अलावा उन्हें लगातार दर्शकों का भी समर्थन मिल रहा था।
पवनदीप राजन को विजेता बनाने के लिए उत्तराखंड के तमाम सोशल मीडिया मीडिया ग्रुप पर लोग वोट देने की अपील कर रहे थे। इसके अलावा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी उत्तराखंड की जनता से पवनदीप को विजेता बनाने के लिए अपील की थी। पवनदीप ने 5 कंटेस्टेंट्स को मात देकर ये जीत अपने नाम की है। अरुणिता कांजीलाल सेकेंड रनरअप हैं। जबकि सायली कांबले थर्ड रनरअप, चौथे नंबर पर दानिश, पांचवे पर निहाल और छठे नंबर पर रहीं शणमुखप्रिया।
पवनदीप की खास बात है कि वह एक अच्छे सिंगर के साथ म्यूजिक आर्टिस्ट भी हैं। वह हर तरह का इंस्ट्रूमेंट बजा लेते हैं और उन्होंने में इन इंस्ट्रयूमेंट के साथ परफॉर्मेंस भी दिए हैं।
पवनदीप राजन मूल रूप से कुमाऊं के रहने वाले हैं। उनका जन्म 1996 में चंपावत जिले के वल्चौड़ा गांव में हुआ। उन्होंने चंपावत से ही अपनी पढ़ाई भी की। उनके पिता सुरेश राजन और ताऊ सतीश राजन ने बचपन से ही उन्हें संगीत सिखाया। पवन दीप राजन को संगीत विरासत में मिला। उनके दादा स्व. रति राजन भी अपने समय के प्रसिद्ध लोकगायक थे।
पवनदीप को अब ‘इंडियन आइडल 12’ की ट्रॉफी के अलावा स्वीफ्ट कार और 25 लाख रुपये भी ईनाम के तौर पर मिला।
पवनदीप के इंडियन आइडल का खिताब अपने नाम करने के बाद उन्हें पूरे उत्तराखंड समेत भारतवर्ष से बधाइयां मिल रही है। पवनदीप के खिताब उत्तराखंड के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है. पहाड़ी क्षेत्र में जो युवा संगीत के क्षेत्र में नाम कमाना चाहते हैं वह भी पवन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ सकते हैं।
पवनदीप ने इंडियन आईडल के बारहवें एडिशन में अलका यागनी के साथ भी प्रस्तुति पेश की। इससे पहले पवनदीप राजन साल 20 15 में वॉइस ऑफ इंडिया का खिताब भी अपने नाम कर चुके हैं। गायकी में उन्होंने अपना एक नाम कमाया है जिसने पवन के अलावा उत्तराखंड राज्य को भी महा नगरी में पहचान दी है। सभी को बताया है कि उत्तराखंड का युवा कम संसाधनों के बाद भी बड़ी ऊंचाई प्राप्त कर सकता है।