राजकीय कला कन्या महाविद्यालय कोटा में आज गृह विज्ञान विभाग द्वारा तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन आयोजन का आयोजन किया गया।

कार्यशाला के तृतीय एवं अंतिम दिवस पर कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ अनुपमा पंवार द्वारा “कौशल विकास द्वारा उद्यमिता” विषय पर व्याख्यान दिया गया।

डॉ पंवार द्वारा बताया गया कि महिलाएं अपनी भावनाओं को कला के माध्यम से नवीनता के साथ सृजित कर उद्यमिता के रूप में अपना सकती है। पाषण युग से ही गुफाओं के भित्ती चित्र उस समय के मानव की आत्म अभिव्यक्ति से आज भी हमे रोमांचित कर देते है।

व्यक्ति कला के माध्यम से अपने मन की प्रस्तुती करता है जो कि सदेव अमर रहती है जबकी विश्व की कोई भी वस्तु शाश्वत नहीं है। आपने अपनी विशिष्ट कलाकृतियों के माध्यम से छात्रों को प्रेरित करते हुए बताया कि किस प्रकार अर्थ उपार्जन का कला एक जरिया बन सकती है।

चित्रकार की विभिन्न विधाओं के ऊपर जानकारी देते हुए कोटा बूंदी शैली की बारीकियां समझाई। कार्यक्रम की अध्यक्ष एवं प्राचार्य प्रोफेसर सीमा चौहान ने कार्यशाला को बहु उपयोगी बताते हुए, छात्राओं को रोजगारोन्मुखी बनने हेतु कला के विभिन्न माध्यमो को समग्र दृष्टि से अपनाने के लिए प्रेरित किया ।

कार्यशाला में अतिथियों का स्वागत विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर दीपा स्वामी द्वारा किया गया। कार्यशाला के द्वितीय सत्र में कनिष्का सिंह गौड द्वारा फैब्रिक कट वर्क की कला सिखाई गई इसके अंतर्गत बिना सुई धागा कैंची के प्रयोग के फैब्रिक को डिजाईनर आकृति में कट कर मनमोहक रूप देना सिखाया गया कार्यशाला की विस्तृत रिपोर्ट प्रोफेसर श्रुति अग्रवाल द्वारा प्रस्तुत की गई।

मंच संचालन निकिता खींची द्वारा किया गया। छात्राओं द्वारा कार्यशाला के दौरान निर्मित किए गए उत्पादों की प्रदर्शनी विभाग में लगाई गई।

संकाय सदस्यो ने प्रदर्शनी का अवलोकन छात्राओं द्वारा निर्मित उत्पादो को प्रशंसनीय बताया एवं उनका उत्साह वर्धन किया  ।

इस अवसर पर प्रोफेसर रेणु शर्मा, अनिता तम्बोली, मीरा गुप्ता उमा बडोलिया, सोमवती शर्मा, बबिता सिंघल, पारूल सिंह, मिथलेश सोलंकी, बीनू कुमावत उपस्थित रहें ।